यूपी में 17 अगस्त से शुरू होगा विधानसभा सत्र, कोविड और किसान के मुद्दे पर सरकार को घेरेने को विपक्ष तैयार
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 17 अगस्त से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। इस बार हालांकि सत्र की कार्रवाई एक सप्ताह तक यानी 24 तक ही चलने की संभावना जताई जा रही है लेकिन इस दौरान भ्ज्ञी विपक्ष ने सरकार को घेरेने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है। विपक्ष के नेताओं की माने तो किसानों की समस्या, यूपी की कानून व्यवस्था और कोरोना महामारी के दौरान यूपी में फैली अव्यवस्थाओं का मुद्दा विपक्ष जोर शोर से उठाएगा। हालांकि सरकार ने भी विपक्ष से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है। ऐसी संभावना है कि 20 अगस्त को सरका र सदन में अनुपूरक बजट पेश कर सकती है।
विधानसभा सूत्रों की माने तो सत्र शुरू होने से एक दिन पहले ही विधानसभा अध्यक्ष हृदय नाराण दीक्षित की अध्यक्ष में सर्वदलीय बैठक होगी। विधानसभा में कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि जैसा कि सभी जानते हैं कि इस सत्र में भी कोविड प्रोटोकाल का पलान किया जाएगा। सर्वदलीय बैठक 16 अगस्त को बुलायी गई है। आराधना ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सरकार की तरफ से की गई अव्यवस्थाओं को लेकर आवाज उठाई जाएगी। इसके अलावा हाल ही में सम्पन्न हुए पंचायत चुनाव के दौरान महिलाओं से हुई अभद्रता का मामला,किसानों की समस्याओं और उनकी मांगों के अलावा महिला सुरक्षा से जुड़े कई मामले उठाए जाएंगे।
विधानसभा में विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी ने भी कहा कि सत्र के दौरान जनता से जुड़े मुददों को सदन में उठाया जाएगा। कोरोन महामारी के दौरान यूपी में अव्यवस्थाओं का बोलबाला रहा। लोगों को समय पर आक्सीजन नहीं मिल पाया। इससे लोगों की काफी मौतें हुईं। इस बात को भी सदन में जोरदार तरीके से उठाया जाएगा। पूरे प्रदेश में कानून की स्थिति बद्तर होती जा रही है।
कोरोना महामारी को देखते हुए हालांकि दोनों सदनों विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को इस बात की छूट दी गई है कि वो वर्चुअल तरीके से भी सत्र में शामिल हो सकते हैं। अधिकारियों की माने तो महामारी के चलते जो सदस्य फिजिकली तौर पर शामिल नहीं होना चाहेंगे उन्हें गूगल मीट के जरिए लिंक भेजा जाएगा। लेकिन इसके लिए उन्हें अपने सदन से परमिशन लेनी होगी। सत्र से पहले सभी जिलों में विधायकों के वैक्सीनेशन की व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा विधानसभा में भी इसकी सुविधा सदस्यों को मुहैया करायी जाएगी। पिछले विधानसभा सत्र के दौरान भी महामारी को लेकर कोविड प्रोटोकाल तय किए गए थे। उसका पालन इस बार भी कराया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक दोनों सदनों के सदस्यों एवं अधिकारियों के अलावा किसी को सदन के भीतर प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।