नई दिल्ली। लाहौर (Lahore) में महाराजा रणजीत सिंह की एक प्रतिमा (Maharaja Ranjit Singh statue) को तोड़े जाने (Demolition) के विरोध में भाजपा (BJP) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बुधवार को पाकिस्तान उच्चायोग के पास (Near Pakistan High Commission) विरोध प्रदर्शन (Protests) किया। धरने में भाजपा दिल्ली इकाई, पूर्वांचल मोर्चा, युवा मोर्चा और सिख प्रकोष्ठ के कार्यकर्ता शामिल हुए।
केसर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ नारेबाजी की और घटना के लिए माफी की मांग की। धरने में भाजपा दिल्ली अध्यक्ष आदेश गुप्ता, उपाध्यक्ष राजन तिवारी, राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह, राष्ट्रीय युवा शाखा के सचिव तजिंदर पाल सिंह बग्गा समेत अन्य शामिल हुए।
भाजपा कार्यकर्ता तीन मूर्ति इलाके में जमा हुए और पाकिस्तान उच्चायोग की ओर मार्च किया। हालांकि, पुलिस ने उच्चायोग पहुंचने से पहले उन्हें रोक दिया।
भाजपा दिल्ली युवा मोर्चा के अध्यक्ष वासु रुखार ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को माफी मांगनी चाहिए और महाराजा रणजीत सिंह की भव्य प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए, जहां लाहौर में इसे तोड़ा गया था।
रुखार ने कहा, “हम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से ना केवल माफी की मांग कर रहे हैं, बल्कि अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं और सिखों के उत्पीड़न को रोकने के लिए उनके आश्वासन और व्यवस्था की भी मांग कर रहे हैं।” रिपोर्ट के अनुसार, तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के एक सदस्य, एक कट्टरपंथी समूह ने प्रयोगशाला किले परिसर के अंदर लगी महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ दिया। मूर्ति तोड़ने के लिए जिम्मेदार एक व्यक्ति को स्थानीय पुलिस ने हिरासत में लिया है।
यह पता चला है कि 2019 में अनावरण के बाद से यह तीसरी बार था, जब प्रतिमा का अनावरण किया गया था। प्रतिमा का अनावरण पंजाब पर शासन करने वाले सिख साम्राज्य के पहले महाराजा रंजीत सिंह की 180वीं पुण्यतिथि पर किया गया था। भारत ने प्रतिमा तोड़े जाने पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इस तरह के हमले पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों में भय का माहौल पैदा कर रहे हैं।