स्पोर्ट्स डेस्क : तीन कैटेगरी में क्वालीफाई करने वाली एकमात्र भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पलक कोहली से आगामी टोक्यो पैरालम्पिक में देश को पदक की उम्मीद है. पलक ने अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण के बलबूते पैरालम्पिक में जगह बनायीं है. इस प्लेयर के जोश, जुनून और जज्बे को सलाम है. पलक बचपन से बाएं हाथ से दिव्यांग थी.
विश्व रैंकिंग में छठे स्थान पर मौजूद पलक का सपना है पैरालम्पिक में स्वर्ण पदक जीतना. पलक का बोलना है, अगर कोई मुझे पहली बार देखता है तो सबसे पहले यही पूछता है कि तुम्हारे हाथ को क्या हुआ? मैं उसे यही बोलती हूं कि बचपन से है. जब मैं बच्ची थी तब मैं ये नहीं समझती थी कि ‘बचपन से ही है’ का मतलब नहीं समझती थी.
मगर मैं दुनिया को बताना चाहती हूं कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं किसी भी खेल को अपना प्रोफेशन बनाऊंगी. जहां भी जाती थी सब यही बोलते थे कि खेल तुम्हारे वश की नहीं है. मगर मैंने उस चीज को कभी जेहन में नहीं रखा और खेलना शुरू कर दिया.
बताते चले कि पलक ने अपनी 18 वर्ष की जिंदगी में कई उतार चढ़ाव देखे लेकिन उन्होंने खेल से समझौता नहीं किया. बस खेलती गईं और आज पूरे देश की निगाहें टोक्यो पैरालंपिक में पलक पर टिकी हैं. हाल ही में पीएम मोदी ने भी पलक के जोश और जज्बे की तारीफ की थी.
पीएम मोदी ने अपने वर्चुअल संवाद के दौरान पलक की तारीफ करते हुए बोला था कि, जालंधर, पंजाब की पैरा बैडमिंटन प्लेयर पलक कोहली की उम्र छोटी है, लेकिन उनके संकल्प बड़े हैं. उन्होंने बोला कि कैसे उनकी Disability आज Super Ability बन गई है.
बताते चले कि पलक ने वर्ष 2017 से ट्रेनिंग शुरू की. इसके दो वर्ष बाद यानी 2019 में पलक ने पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में बल प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक और एकल प्रतिस्पर्धा में रजत पदक जीता. इसके बाद इसी वर्ष अप्रैल में पलक ने तीसरे दुबई पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल 2021 में एक रजत और दो कांस्य पदक जीते.
बताते चले कि टोक्यो पैरालंपिक में 4000 से ज्यादा प्लेयर खेलने वाले है. 24 अगस्त से पांच सितंबर तक चलने वाले पैरालंपिक खेलों में भारत का 54 सदस्यीय दल खेलेगा, जो अभी तक का बड़ा दल है. पैरालंपिक खेलों की नौ स्पर्धाओं में भारत खेलेगा. पलक के अलावा टीम में देवेंद्र झाझरिया (एफ-46 भाला फेंक), मरियप्पन थांगवेलू (टी-63 ऊंची कूद) और विश्व चैंपियन संदीप चौधरी (एफ-64 भाला फेंक) जैसे खिलाड़ी मौजूद हैं, जो पदक के दावेदारों में शुमार हैं.
देश को इस बार पैरालंपिक खेलों में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद है. एथलीटों के टोक्यो रवानगी से पहले पीएम मोदी और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुभकामनाएं दी. पैरालंपिक में 2016 रियो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थांगवेलू भारत के ध्वजवाहक होंगे.