चीन की जेल में बंद महिला पत्रकार की भूख हड़ताल से बिगड़ी हालत, कोरोना की खामियां बताने की सजा
बीजिंग: वुहान से कोरोना वायरस की उत्पत्ति के राज को छिपाने की कोशिश करने वाला चीन इस मामले को लेकर निरकुंशता का व्यवहार कर रहा है। वुहान से कोरोना फैलने और उसके कुप्रबंधन को सामने वाली चीन की महिला पत्रकार झांग झान जेल में भूख हड़ताल करने से उनकी हालत बिगड़ गई है। यह जानकारी पत्रकार के स्वजन, मित्र और पूर्व वकील के माध्यम से सामने आई है। झांग को कोरोना पर खामियां बताने पर उसे गड़बड़ी फैलाने के आरोप में चार साल की सजा सुनाई गई है।
उल्लेखनीय है पिछले साल वुहान में कोरोना फैलने पर सरकार की प्रारंभिक प्रतिक्रिया में अनेक खामियां थीं। झांग ने उन्हें ठीक से उजागर किया था। इसके लिए झांग झान ने शंघाई से वुहान की यात्रा भी की थी। उन्होंने वुहान के सख्त लॉकडाउन और निवासियों की आजीविका और स्वतंत्रता पर इसके गंभीर प्रभाव को पूरे दम से उठाया था। यह बात चीन की सरकार को नागवार गुजरी और उसने झांग को गिरफ्तार कर उसे गड़बड़ी फैलाने के आरोप में बंद कमरे में तीन घंटे की सुनवाई के बाद उन्हें चार साल की सजा सुना दी गई।
झांग ने पिछले साल मई में अपनी गिरफ्तारी के बाद भूख हड़ताल शुरू की थी। उसके वकीलों ने पहले कहा कि अधिकारियों ने उसे खिलाने के लिए एक फीडिंग ट्यूब का इस्तेमाल किया। उसकी मां, शाओ वेंक्सिया ने इसे आंशिक भूख हड़ताल बताया है। झांग फल और कुकीज खा रही हैं, लेकिन मांस, चावल या सब्जियां से परहेज करती रहीं। झांग की मां को अभी तक उनसे मिलने नही दिया गया है।