संयुक्त राष्ट्र के COP26 पर्यावरण सम्मेलन में हिस्सा लेंगी महारानी एलिजाबेथ II, स्कॉटलैंड में होगा आयोजन
न्यूयार्क: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-द्वितीय, नवंबर में स्कॉटलैंड के ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में शिरकत करेंगी. शिखर सम्मेलन के आयोजकों ने शनिवार को इसकी पुष्टि की है. महारानी एलिजाबेथ (95) शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं के साथ जुड़ेंगी. यह सम्मेलन पिछले साल नवंबर में ही होना था लेकिन कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के कारण इसे टाल दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत करीब 120 राष्ट्राध्यक्षों के इसमें हिस्सा लेने की संभावना है.
पोप फ्रांसिस और पर्यावरण अधिकार कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग समेत अन्य लोगों के एक नवंबर से 12 नवंबर के बीच कार्यक्रम के लिए स्कॉटलैंड पहुंचने के आसार हैं. ब्रिटेन के कैबिनेट मंत्री और कॉप26 शिखर सम्मेलन (Climate Summit) के अध्यक्ष आलोक शर्मा ने ट्वीट किया, ‘इस साल ब्रिटेन की महारानी भी कॉप 26 शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगी.’ आगरा में जन्मे शर्मा शिखर सम्मेलन के लिए अपनी भूमिका के तहत हाल में भारत के दौरे से लौटे हैं. उन्होंने ट्वीट कर दौरे के दौरान चर्चा की जानकारी दी थी.
भारत को लेकर क्या कहा गया?
शर्मा ने कहा, ‘पिछले सप्ताह मेरी यात्रा के दौरान, 2030 तक 450 जीडब्ल्यू लक्ष्य की ओर नवीकरणीय ऊर्जा पर भारत की प्रगति के बारे में सुनकर प्रभावित हुआ. आशा है कि भारत कॉप26 से पहले किसी भी उन्नत एनडीसी (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) में ऐसी महत्वाकांक्षी नीति प्रतिबद्धताओं को शामिल करने पर विचार करेगा.’ जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी समिति (IPCC) द्वारा प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट के मद्देनजर ब्रिटेन ने इस संबंध में त्वरित कदम उठाने का आह्वान किया है.
दुनिया का हर क्षेत्र होगा प्रभावित
रिपोर्ट में चेताया गया था कि अगर त्वरित कदम नहीं उठाए गए तो जलवायु परिवर्तन से दुनिया का हर क्षेत्र प्रभावित होगा. दीर्घावधि में भीषण गर्मी, तेज बारिश, सूखा, आर्कटिक में बर्फ के पिघलने की आशंका जताई गई थी. रिपोर्ट में कार्बन उत्सर्जन घटाए जाने पर जोर देते हुए कहा गया था कि अगर तापमान का बढ़ना 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित कर दिया गया तो जलवायु परिवर्तन (Climate Change Effects) के चरम दुष्प्रभाव से बचने में मदद मिलेगी. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दुनिया के लिए इसे ‘जग जाने का मौका’ बताते हुए ‘कॉप 26’ में जरूरी कदम उठाने का आह्वान किया है.