राजनीति

कांग्रेस नेता के ट्वीट पर बीजेपी ने कसा तंज, कहा अरुण यादव की हैसियत कार्यकर्ताओं से है

भोपाल: कांग्रेस नेता अरुण यादव का एक बयान इन दिनों सुर्खियों में है. अरुण यादव ने कहा है- ‘अरुण यादव की हैसियत कार्यकर्ताओं से है. अरुण यादव कार्यकर्ताओं के बिना कुछ नहीं है. अगर कार्यकर्ता हमारे लिए क्षेत्र में काम न करें, तो हमें कौन पूछने वाला है. कार्यकर्ताओं के साथ हमेशा खड़े रहना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है.’ अरुण यादव के इस बयान का दिग्विजय सिंह ने तो समर्थन किया है, लेकिन बीजेपी ने इस पर तंज कसा है. बीजेपी ने कहा है कि वंशबेल वाले कार्यकर्ताओं की बात करें तो आश्चर्य लगता है.

दरअसल, खंडवा लोकसभा सीट के उपचुनाव को लेकर अरुण यादव इन दिनों खासे सक्रिय हैं. इस वजह से इस सीट पर कार्यकर्ताओं की पूछ-परख बढ़ गई है. अरुण यादव लगातार कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं. उत्साह भरने के लिए अरुण यादव ने उन्हें सर्वोपरि बता दिया. अरुण यादव ने यह ट्वीट पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के ट्विटर हैंडलर पर भी टैग किया है. उनके ट्वीट पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं अरुण यादव के बयान से सहमत हूं. कार्यकर्ताओं से ही नेता है.
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इधर इस ट्वीट पर बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी प्रवक्ता हितेश वाजपेई ने है कि वंशबेल से उपजे नेता अब कार्यकर्ताओं को सर्वोपरि बता रहे हैं. यह बड़े आश्चर्य की बात है. दिग्विजय सिंह अपने बेटे जयवर्धन सिंह को राजनीतिक विरासत सौंप रहे हैं, तो वहीं अरुण यादव कांग्रेस के नेता रहे सुभाष यादव की वंशबेल का हिस्सा हैं. गौरतलब है कि प्रदेश में 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण सीट खंडवा लोकसभा सीट है. क्योंकि, इस सीट के नतीजे राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा संदेश देने वाले होंगे. यही कारण है कि खंडवा सीट पर पूरा दम लगा रहे कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार अरुण यादव अब कार्यकर्ताओं को सर्वोपरि बताते हुए उनकी पूछ-परख कर रहे हैं.

बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अपने चिरपरिचित अंदाज में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कमलनाथ को आड़े हाथों लिया. उन्होंने छत्तीसगढ़ और पंजाब सहित राजस्थान में चल रही राजनीतिक उठापठक पर तंज कसा. विजयवर्गीय ने इन राज्यों में चल रही कांग्रेस की कलह के लिए पूरी तरह राहुल गांधी को जिम्मेवार बताया. उन्होंने कांग्रेस के कमजोर नेतृत्व को बताया छत्तीसगढ़ और पंजाब में चल रही उठापटक की वजह. उन्होंने कहा कि जब नेतृत्व कमजोर होता है तो आपस में झगड़े होते हैं. कांग्रेस कहीं भी नहीं है, क्योंकि उनके नेताओ पर कार्यकर्ताओं को भरोसा नहीं रहा. राहुल खुद भी झगड़े नहीं संभाल पा रहे हैं. कुल मिलाकर कांग्रेस की स्थिति खराब इसलिए है कि उनका नेतृत्व खराब है.

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