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अफगानिस्तान में खत्म हुआ ब्रिटेन का 20 साल लंबा सैन्य अभियान, वतन पहुंचे ब्रिटिश सैनिक

लंदन। ब्रिटेन की सेना अफगानिस्तान में अपने अभियान को समाप्त कर वापस लौट गई है। बीस साल तक अफगानिस्तान में रहने के बाद आखिरी बचे सैनिक भी अपने देश पहुंच गए हैं। रायल एयर फोर्स के इश विमान में अफगानिस्तान में ब्रिटेन के राजदूत सर लारी ब्रिस्टो भी सवार थे। रविवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने एक वीडियो संदेश ट्विटर पर साझा करते हुए अफगान मिशन समाप्त होने की आधिकारिक जानकारी दी।

वाइस एडमिरल सर बेन लोगों को निकालने वाले अभियान ‘ऑपरेशन पिटिंग’ के प्रमुख थे। उन्होंने कहा कि हम वो वह सब नहीं कर सके जो हम चाहते थे। प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने रविवार सुबह ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर कहा कि ‘ऑपरेशन पिटिंग’ खत्म हो गया है। उन्होंने कहा अफगानिस्तान में ब्रिटिश सैनिकों और अधिकारियों ने दुखद परिस्थितियों में चौबीसों घंटे काम किया।

सशस्त्र बलों के समुदाय को लिखे पत्र में जानसन ने स्वीकार किया कि अफगानिस्तान को तालिबान के कब्जे में जाते देखना जान गवाने वाले 457 सैनिकों के दोस्तों और प्रियजनों के लिए मुश्किल समय रहा होगा। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के अफगानिस्तान जाने से अल कायदा दो दशक तक उनके देश से दूरा रहा और नतीजतन हम सब सुरक्षित हैं। जानसन ने कहा कि अमेरिका, यूरोप और दुनिया भर में हमारे सहयोगियों के साथ हम तालिबान के साथ इस आधार पर बात नहीं करेंगे कि वे क्या कहते हैं, बल्कि इस आधार पर वार्ता करेंगे कि वे क्या करते हैं।

डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा है कि अफगानिस्तान से निकाले गए लोगों में करीब 2200 बच्चे शामिल हैं। ब्रिटेन के करीब पांच हजार नागरिकों और उनके परिवारों को हवाई मार्ग से अफगानिस्तान से निकाला गया है। इसी के साथ ब्रिटेन के पूर्व कर्मचारियों, उनके परिवारों और ऐसे लोगों को भी निकाला गया है जिनको तालिबान से खतरा था। इनकी संख्या आठ हजार से ज्यादा है।

तालिबाना आतंकियों ने अफगानिस्तान के कई प्रमुख शहरों पर कब्जा करने के बाद 15 अगस्त को भी अपने कब्जे में ले लिया था। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को हटने की समयसीमा से दो हफ्ते पहले ही तालिबान ने देश के कई बड़े शहरों पर नियंत्रण हासिल कर लिया था।

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