गोल्ड मेडल लाने वाले एथलीट सुमित अंतिल और योगेश कथुनिया पर इनामों की बरसात
नई दिल्ली: टोक्यो पैरालिंपिक में सोमवार को भारतीय एथलीट्स ने धमाल मचा दिया। भारत ने इस दिन 2 गोल्ड समेत कुल 5 मेडल जीते। जेवलिन थ्रो में भारतीय एथलीट ने शानदार प्रदर्शन किया है। सोनीपत के सुमित अंतिल ने जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल हासिल किया। तो वहीं हरियाणा के ही दूसरे एथलीट योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल जीता। इन दोनों के प्रदर्शन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने इनामों की बरसात कर दी है।
हरियाणा सरकार स्वर्ण पदक विजेता सुमित अंतिल को 6 करोड़ रुपये और रजत पदक विजेता योगेश कथुनिया को 4 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार देगी। हरियाणा सरकार सुमित अंतिल और योगेश कथुनिया को सरकारी नौकरी भी देगी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो पैरालंपिक में जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतने के लिए सुमित अंतिल को फोन कर शुभकामनाएं दीं।
सोनीपत के सुमित का सफर कठिनाइयों भरा रहा है। 6 साल पहले हुए सड़क हादसे में एक पैर गंवाने के बाद भी सुमित ने जिंदगी से कभी हार नहीं मानी और बुलंद हौसले से हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला किया। पैरालिंपिक 2020 में जेवलिन थ्रो में भारत का यह तीसरा मेडल है। इकलौते बेटे के साथ हुए हादसे से दुखी मां निर्मला देवी से सुमित ने वादा किया था कि मैं आपको जीवन की हर खुशी दूंगा। सुमित ने अपनी कही बात को सच कर दिखाया और कड़ी मेहनत से टोक्यो पैरालंपिक तक का सफर पूरा किया।
सुमित ने F64 कैटेगरी में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उन्होंने फाइनल में 68.55 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ मेडल जीता। सुमित ने पैरालिंपिक में अपने ही वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ा है। उन्होंने पहले प्रयास में 66.95 मीटर का थ्रो किया, जो वर्ल्ड रिकॉर्ड बना। इसके बाद दूसरे थ्रो में उन्होंने 68.08 मीटर दूर भाला फेंका। सुमित ने अपने प्रदर्शन में और सुधार किया और 5वें प्रयास में 68.55 मीटर का थ्रो किया, जो कि नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया। उनका तीसरा और चौथा थ्रो 65.27 मीटर और 66.71 मीटर का रहा था। जबकि छठा थ्रो फाउल रहा।
योगेश कथुनिया ने F56 कैटेगरी में डिस्कस थ्रो में भारत के लिए सिल्वर जीता। दिल्ली के 24 साल के योगेश ने अपने छठे और आखिरी प्रयास में 44.38 मीटर का अपना बेस्ट थ्रो किया। यह उनका सीजन बेस्ट भी है।