चमोली : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) गौचर की परामर्शी समिति की बैठक लेते हुए जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने छात्र हित में ठोस कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। इस दौरान वित्तीय वर्ष 2021-22 में डायट की प्रस्तावित कार्ययोजना एवं गतिविधियों को लेकर बजट पर परिचर्चा भी की गई।
जिलाधिकारी ने डायट के शैक्षणिक कार्यक्रमों, प्रशिक्षण गतिविधियों को अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। कहा कि शिक्षा के उदेश्य को पूरा करने और शिक्षण कार्यो में मिली कमियों को दूर करने के लिए डायट के माध्यम से बेहतर कार्ययोजना तैयार की जाए। ताकि छात्रों को इसका लाभ मिल सके। पिछले वर्षो में संपादित राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) के परिणामों का तुलनात्मक अध्ययन करें और जिन विद्यालयों के परिणाम अच्छे नही रहे उन पर रिसर्च कर कमियों को दूर किया जाए। स्कूलों में बच्चों को ई-लर्निंग से पढाने के लिए प्रभावी लर्निंग मैटिरियल तैयार करते हुए शिक्षकों को भी इसके लिए प्रशिक्षित किया जाए।
उन्होंने कहा कि डायट के माध्यम से संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम अच्छे है लेकिन समय के हिसाब से इनको और बेहतर बनाया जा सकता है। कोविड के कारण आंगनबाडी एवं प्राइमरी स्कूलों के बच्चे लंबे समय से स्कूल नही गए है। स्कूल खुलने पर बच्चों को फिर से पढाई के माहौल में ढालने के लिए भी डायट के माध्यम रोचक विषयवस्तु का पैर्टन तैयार करने की जरूरत है। ताकि बेसिक शिक्षा को फिर से पटरी पर लाया जा सके। उन्होंने डायट पुस्तकालय को मॉर्डन बनाने पर भी जोर दिया।
नियोजन एवं प्रबंधन विभाग के प्रवक्ता ने डायट के कार्य, दायित्व, संपादित कार्यक्रम एवं गतिविधियों से जिलाधिकारी को अवगत कराया और इस वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तावित कार्यक्रमों की जानकारी दी। बैठक में डायट के प्राचार्य लखपत सिंह वर्त्वाल, डीईओ(मा0) आशुतोष भण्डारी, डीईओ(बे0) एनके हल्दियानी, डायट के प्रवक्ता भगत सिंह कण्डवाल, प्रवक्ता वीरेन्द्र कठैत, एनजीओ अजीज प्रेमजी फाउडेसन से मीनाक्षी, सीआरसी से नरेन्द्र बिष्ट, बीआरसी से दीपेन्द्र रावत एवं समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।