सरकार के गठन से पहले तालिबान ने किया पंजशीर पर कब्जे का दावा, अमरुल्ला सालेह बोले- लड़ाई जारी
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के तकरीबन 20 दिनों के बाद और सरकार के गठन से कुछ समय पहले तालिबान ने पंजशीर घाटी पर भी कब्जा करने का दावा किया है. हालांकि, पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने तालिबान के दावे को खारिज कर कहा है कि लड़ाई अभी जारी है. पिछले कई दिनों से पंजशीर प्रांत में अहमद मसूद और अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. शुरुआती कुछ दिनों तक तालिबान और मसूद के बीच बातचीत का दौर चला, लेकिन कोई भी हल नहीं निकल सका. इसके बाद, तालिबान ने पंजशीर पर कब्जा करने के लिए अपने लड़ाकों को भेज दिया था.
पंजशीर पर तालिबान के कब्जे का दावा ने कट्टर संगठन के सूत्रों के हवाले से किया है. तीन तालिबानी सूत्रों ने बताया कि अब तालिबान लड़ाकों का पूरे अफगानिस्तान पर कंट्रोल हो गया है, जिसमें पंजशीर भी शामिल है. पंजशीर घाटी में तालिबान और विरोधी गुटों के बीच टकराव जारी था. पंजशीर पर कब्जे के बाद तालिबानी लड़ाकों ने राजधानी काबुल में खुशी जताते हुए आसमान में फायरिंग भी की.
अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति और स्वघोषित केयरटेकर प्रेसिडेंट अमरुल्ला सालेह ने तालिबान के कब्जे के दावे के बाद ट्वीट कर कहा है कि लड़ाई जारी है और जारी रहेगी. मैं अपनी मिट्टी के साथ हूं और इसकी गरिमा की रक्षा कर रहा हूं. वहीं, पंजशीर से जुड़े एक ट्विटर अकाउंट में कहा गया कि पाकिस्तानी, रूस और चीन पंजशीर रेजिस्टेंस के खिलाफ प्रोपेगेंडा चला रहे हैं.
एक तालिबानी कमांडर ने कहा, ”अल्लाह की कृपा से, हम पूरे अफगानिस्तान के कंट्रोल में हैं. दिक्कत पैदा करने वालों को हमने हरा दिया है और पंजशीर अब हमारे कब्जे में है.” हालांकि, अभी पंजशीर पर तालिबान के कब्जे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है, लेकिन तालिबान ने पंजशीर पर कब्जा करने का दावा किया है. इससे पहले भी तालिबान के लड़ाके कुछ ऐसे दावे करते रहे हैं, जिन्हें अमरुल्ला सालेह ने खारिज किया है. इस बार भी सालेह ने तालिबान के कब्जे के दावे को सिरे से नकार दिया.
इस बीच, अमरुल्ला सालेह ने शुक्रवार को दावा किया कि वह देश छोड़कर नहीं भागे हैं और इन रिपोर्ट्स को निराधार बताया. सालेह ने हमारे सहयोगी अंग्रेजी चैनल ‘इंडिया टुडे’ को बताया कि वह पंजशीर घाटी में हैं और अपने कमांडरों और राजनीतिक नेताओं के साथ स्थिति का प्रबंधन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “कुछ मीडिया रिपोर्ट्स को चारों ओर फैलाया जा रहा है कि मैं देश छोड़कर भाग गया हूं. यह बिल्कुल निराधार है. यह मेरी आवाज है, मैं पंजशीर घाटी से, अपने बेस से बात कर रहा हूं. मैं अपने कमांडरों और हमारे राजनीतिक नेताओं के साथ हूं. बेशक, यह एक कठिन स्थिति है. हम तालिबान, पाकिस्तानियों, अल कायदा और अन्य आतंकवादी समूहों के आक्रमण के अधीन हैं.”