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टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय पैरा शटलरों का रिपोर्ट कार्ड 65 प्रतिशत

पैरालंपिक पदक विजेता पैरा शटलरों ने लखनऊ के भावी शटलरों को दी ये खास सीख

लखनऊ। टोक्यो पैरालंपिक में पहली बार शामिल हुए पैरा बैडमिंटन में भारतीय शटलरों ने सफलता की जो कहानी लिखी उसमें नवाबों के शहर लखनऊ का काफी अहम रोल है। भारतीय पैरा शटलर पिछले लगभग दो साल से लखनऊ में ही मिशन ओलंपिक की तैयारी कर रहे है। 

हालांकि इससे पहले ही सीमित संसाधनों में लखनऊ स्पोर्ट्स कॉलेज व फिर उत्तर प्रदेश बैडमिंटन एसोसिएशन में इनके कैंप का संचालन अरसे से हो रहा है।

एक्सीलिया स्कूल स्थित गौरव खन्ना एक्सीलिया बैडमिंटन अकादमी में मना जीत का जश्न

फिर कुछ समय साई लखनऊ में ट्रेनिंग के बाद इन शटलरों ने एक्सीलिया स्कूल में शुरू की गई भारत की पहली पेशेवर पैरा बैडमिंटन अकादमी गौरव खन्ना एक्सीलिया बैडमिंटन अकादमी में ओलंपिक में चमक बिखेरने का लक्ष्य लिए अभ्यास शुरू किया और आज भारतीय पैरा खिलाड़ियों टोक्यो पैरालंपिक में दो स्वर्ण, एक रजत व एक कांस्य पदक जीता। 

इन खेलों में भारत के सात खिलाड़ियों ने भाग लिया था जिसमें सिर्फ पारूल परमार, पलक कोहली व तरूण ढिल्लन ही पदक नहीं जीत सके। इसे ऐसे कह सकते है कि टोक्यो में भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों का रिपोर्ट कार्ड 65 प्रतिशत रहा।

आज इस सफलता के बाद उस गौरव खन्ना एक्सीलिया बैडमिंटन एकेडमी में इस जीत का जशन जोर-शोर से मना जहां इन भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों की जीत की नींव रखी गयी। इसमें अकादमी में ट्रेनिंग ग ले रहे कई अंतर्राष्ट़्रीय खिलाड़ी शामिल हुए। इस जश्न में टोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक विजेता प्रमोद भगत व कृष्णा नागर, कांस्य पदक विजेता मनोज सरकार  के साथ भारतीय टीम के कोच गौरव खन्ना भी ऑनलाइन शामिल हुए। 

ऑनलाइन जुड़े प्रमोद भगत, कृष्णा नागर, मनोज सरकार और कोच गौरव खन्ना  

इस अवसर पर प्रमोद भगत ने प्रशिक्षु खिलाड़ियों से कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए आप सभी अभी से तैयारी करें, तभी हम सब भारत के हिस्से में पदकों की झड़ी लगा पायेंगे। कृष्णा नागर ने कहा कि आज का दिन उनकी जिंदगी में सबसे यादगार है, भारतीय झंडे को सबसे ऊपर जाते हुए देखना उनका सपना था, जो पूरा हुआ। 

मनोज सरकार ने भारत माता की जय का उद्घोष करते बच्चों का जोश देखा तो बोल उठे कि इतना प्यार और सम्मान ही किसी खिलाड़ी में जीत का जज्बा भरता है। विजेता खिलाड़ियों ने अपनी जीत देश और माता-पिता को समर्पित की, जिनकी वजह से वह यह मुकाम हासिल कर सके।

भारतीय टीम के कोच गौरव खन्ना ने कहा कि पैरालंपिक के मंच पर वह भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों को तिरंगा लहराते हुए देखना चाहते थे, जो खिलाड़ियों की मेहनत और उनके कभी हार न मानने के जज्बे से सफल हुआ। गौरव खन्ना ने रजत पदक विजेता सुहास एलवाई की भी तारीफ की जिन्होंने अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारी निभाते हुए भी प्रशिक्षण में कोई कमी नहीं की।

इस मौके पर एक्सीलिया स्कूल के निदेशक आशीष पाठक ने पदक विजेता खिलाड़ियों को जीत की बधाई देते हुए कहा कि  आप सभी आने वाली पीढ़ियों के लिए रोल मॉडल हैं, एक्सीलिया स्थित बैडमिंटन अकादमी में आप सभी जितनी मेहनत और शिद्दत से ट्रेनिंग करते हैं वह सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। 

एक्सीलिया स्पोर्ट्स एकेडमी के प्रमुख प्रवीण पाण्डेय ने विजेता खिलाड़ियों को ऑनलाइन माध्यम से जुड़ने के लिए धन्यवाद दिया, जिससे देश के भावी खिलाड़ियों को प्रेरणा मिल सकी। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी प्रेम कुमार अले, अबू हुबैदा, शशांक कुमार, अमू मोहन समेत राहुल ने बोला कि विजेता खिलाड़ियों के आने के बाद जश्न का नया दौर शुरू होगा।

उन्होंने उम्मीद जतायी कि  इस पैरालिंपिक में मिली पदकों की रोशनी से अगले पैरालंपिक में भारतीय शटलर और अधिक पदक जीतने के लिए प्रेरित होंगे। इस अवसर पर एक्सीलिया माइ कैरियर केयर की निदेशक श्रीमती शालिनी पाठक, गौरव खन्ना एक्सीलिया बैडमिंटन अकादमी के कोच ज्वाय गुप्ता, आदित्य सिंह, पूजा समेत अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे खिलाड़ी और उनके अभिभावक भी शामिल हुए।

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