महाराष्ट्र में हर दिन बढ़ते कोरोना के केस तीसरी लहर की दस्तक? इन 7 जिलों ने बढ़ाई टेंशन
महाराष्ट्र में कोरोना की मामूली राहत देखने के बाद एक बार फिर कोरोना का कहर बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। यहां कोरोना मामले अब घटने की बजाय बढ़ते हुए दिख रहे हैं। उद्धव सरकार लगातार बैठकें करके आने वाली तीसरी लहर को रोकने की कोशिशों में लगी है। रविवार को सरकार ने एक बैठक की जिसमें बताया गया कि महाराष्ट्र में 7 जिले चिंता का सबब बने हुए हैं जहां कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने देखे जा रहे हैं। इन राज्यों में पुणे, मुंबई, सांगली आदि शामिल हैं। कुछ ही दिनों में राज्य में गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाना शुरू हो जाएगा, जिसको लेकर विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है।
महाराष्ट्र सरकार की रविवार को हुई बैठक में पुणे सहित राज्य के सात पश्चिमी जिलों को “चिंता के क्षेत्र” कहा है। सरकार को डर है मामलों में जो उछाल देखने को मिल रहा है वह तीसरी लहर की दस्तक हो सकती है। पिछले 10 दिनों में मामलों की संख्या में कोई गिरावट नहीं देखी गई है; इसके बजाय, नए संक्रमणों में मामूली उछाल आया है। राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने मुंबई में हुए सम्मेलन में यह जानकारी दी है।
डेटा से पता चला है कि भले ही पिछले कई हफ्तों से सभी जिलों में साप्ताहिक सकारात्मकता दर 5% से नीचे रही, लेकिन इस सप्ताह पुणे और अहमदनगर जैसे कुछ जिलों में यह आंकड़ा क्रमशः 6.58% और 5.08% देखा गया। नुंबई वापस उन टॉप 5 जिलों में शामिल हो गया है जहां कोरोना के सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं ।
राज्य के कुल 52,025 सक्रिय मामलों में से 90.62 प्रतिशत मामले केवल 10 जिलों से हैं, जिनमें से 37,897 यानी 72.84 प्रतिशत मामले केवल 5 जिलों से सामने आए हैं। राज्य सरकार ने पुणे, अहमदनगर, सतारा, सोलापुर, सांगली, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग को ‘चिंता के जिले’ करार दिया है। डॉ व्यास ने कहा है, “इन जिलों में नए संक्रमणों की वृद्धि दर और साप्ताहिक सकारात्मकता दर बहुत अधिक है। शुक्रवार से शुरू होने वाले गणेश उत्सव के साथ, इन जिलों में बड़े पैमाने पर मनाए जाने की संभावना है, तीसरी लहर शुरू होने की संभावना है। जिला प्रशासन को अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।”
व्यास ने हालांकि कहा कि शेष 17 जिलों में से दूसरी लहर अभी थम गई है। उनमें से सात जिलों में 10 से कम सक्रिय रोगी हैं जबकि 11 में, सक्रिय रोगियों की संख्या 11 से 100 के बीच है। इनमें से अधिकांश जिले विदर्भ और मराठवाड़ा में हैं। सम्मेलन में, सीएम ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता तीसरी लहर को टालना या हमले की तीव्रता को कम करना है।