बिलासपुर: पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निजी सचिव रहे अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को केस डायरी पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही दोनों के आय-व्यय से जुड़ी गणना का ब्यौरा भी पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी। दंपती ने आय से अधिक संपत्ति मामले में आवदेन पेश किया है। कहा है कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। हालांकि आज ACB ने इस आवेदन पर कोई खंडन पेश नही किया।
दरअसल, रायपुर के कांग्रेसी नेता विकास शर्मा ने अमन सिंह और यास्मीन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए 2 साल पहले ACB/EOW में शिकायत की थी। उनकी शिकायत पर कार्रवाई भी शुरू हो गई, लेकिन इसके खिलाफ अमन सिंह और यास्मीन सिंह ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर कर दी। प्रारंभिक सुनवाई में ही HC ने दोनों के खिलाफ ‘नो कोर्सिव स्टेप’ यानी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
अमन सिंह का पिछली सरकार में अच्छा प्रभाव था। यही वजह थी कि उन्होंने अपनी पत्नी की संस्कृति विभाग में 35 हजार रुपए प्रति महीने पर संविदा नियुक्ति करवा दी थी। जिसे कुछ सालों में ही बढ़ाकर 80 हजार प्रति महीना कर दिया गया था। यास्मीन पर आरोप लगे कि वह अपनी संविदा नौकरी करने के बजाय सरकारी खर्च पर देशभर में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक विभाग के कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर डांस परफॉर्म किया करती थीं।
इसी याचिका पर 13 अगस्त की सुनवाई में अमन सिंह की ओर से प्रस्तुत किए गए आवेदन में कहा गया था कि प्रथम दृष्टया उन पर आए से अधिक का मामला बनता ही नहीं। इस पर जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच ने ACB को 25 अगस्त तक जवाब पेश करने आदेशित किया था, लेकिन जवाब पेश न होने पर HC ने कड़ी नाराजगी जाहिर की थी।