विश्व मना रहा है ‘विश्व साक्षरता दिवस’, जानिए क्या है इस दिन का महत्व व इतिहास
world literacy day यानी 8 सितंबर आज इस दिन को विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मना रहा है। शिक्षा व साक्षरता के महत्व को चिन्हित करते हुए इस दिन को मनाया जाता है। जिसकी घोषणा 1966 में 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में यूनाइटेड नेशन एजुकेशनल साइंटिफिक एंड क्लचरल ऑर्गेनाइजेशन ने की थी।
विश्व साक्षरता दिवस 2021 थीम
हर वर्ष विश्व साक्षरता दिवस की एक विशेष टीम की घोषणा की जाती है और इस वर्ष विश्व साक्षरता दिवस की थीम ‘डिजिटल विश्व में साक्षरता’ रखी गई है। जिसका उद्देश्य डिजिटल साक्षरता के बारे में लोगों में अधिक जागरूकता पैदा करना है। गौरतलब है कि पिछले 2 सालों से कोरोनावायरस की वजह से बच्चों, युवाओं को शिक्षा काफी हद तक प्रभावित हुई है।
साक्षरता दिवस का इतिहास
साक्षरता दिवस के इतिहास की बात करें तो सबसे पहले 7 नवंबर 1965 में यूनेस्को में अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने का फैसला लिया गया था। जिसके बाद 8 सितंबर के दिन को विश्व साक्षरता दिवस के रूप में चुना गया। यूनेस्को ने अपने इस फैसले को अगले ही वर्ष 1966 में पहले विश्व साक्षरता दिवस के रुप में मनाया।
क्या है इस दिन का महत्व
लोगों को साक्षरता व सामाजिक एवं मानव विकास के अधिकारों के बारे में बताने जागरूक करने के लिए यह दिन विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि साक्षरता केवल मानव की जीवन को बेहतर बनाने में सहयोगी होती, बल्कि गरीबी उन्मूलन, जनसंख्या नियंत्रण, मनुष्य की सर्वगुण विकास के लिए बेहद जरूरी है। इसलिए पूरे वर्ष में 1 दिन निर्धारित किया गया है। जिस दिन लोगों को बेहतर शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
भारत में साक्षरता दर
भारत में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कुल जनसंख्या का 74.04 फीसदी लोग साक्षर है। जबकि आजादी की 1947 में भारत की साक्षरता दर केवल 12-14% थी। भारत के सबसे अधिक साक्षरता वाले राज्य में केरल है। जहाँ की साक्षरता दर 94% है।