स्पोर्ट्स डेस्क : इस वर्ष राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की चयन समिति में पैरालंपिक के तीन बार के पदक विजेता भाला फेंक प्लेयर देवेंद्र झझारिया, पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद और पूर्व विश्व विजेता मुक्केबाज एल सरिता देवी को जगह दी गयी है. उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुकुंदकम शर्मा चयन समिति के अध्यक्ष होंगे जिसमें पूर्व निशानेबाज अंजलि भागवत और महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा को भी जगह दी गयी है.
खेल मंत्रालय के एक सर्कुलर में ये जानकारी दी गई. झझारिया ने हाल में खत्म हुए टोक्यो पैरालंपिक खेलों में सिल्वर मेडल जीता, इससे पहले वो 2004 और 2016 में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. समिति अगले कुछ दिन में बैठक करके विजेताओं का फैसला करेगी. इस साल पुरस्कारों में देरी हुई क्योंकि सरकार ने ओलंपिक और पैरालंपिक दोनों खेलों में भारत के प्रदर्शन का इंतजार करने का फैसला किया.
भारत ने दोनों खेलों में अभूतपूर्व नतीजे हासिल करते हुए अपना अब तक का बेस्ट प्रदर्शन किया. भारत ने टोक्यो ओलंपिक में सात पदक जीते जबकि टोक्यो पैरालंपिक में पांच स्वर्ण सहित 19 पदक हासिल किए. भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा स्वर्ण पदक के साथ ओलंपिक के बड़े स्टार रहे.
उन्होंने खेलों की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भारत का पहला पदक और 13 वर्ष में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया. खेलों के क्षेत्र के सबसे बड़े सम्मान को इस साल से राजीव गांधी खेल रत्न की जगह ध्यानचंद खेल रत्न के नाम से जाना जाएगा. खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार भी दिए जाते हैं.
खेल रत्न पुरस्कार विजेता को 25 लाख रुपये की इनामी राशि जबकि अर्जुन पुरस्कार विजेता को 15 लाख रुपये की इनामी राशि मिलेगी. कोचों को द्रोणाचार्य पुरस्कार दिए जाते हैं. इन वार्षिक पुरस्कारों के दौरान लाइफटाइम अचीवेंट पुरस्कार, राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार और मौलान अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी भी दी जाएगी. चयन समिति में हॉकी कोच बलदेव सिंह, भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान और वरिष्ठ पत्रकार विजय लोकपल्ली और विक्रांत गुप्ता भी शामिल हैं.