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ग्रामीण क्षेत्रों के आईटीआई छात्रों को मिल सकेगी निर्बाध विद्युत आपूर्ति
लखनऊ। प्रदेश के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अब सौर उर्जा से जगमगाएंगे। सरकार आईटीआई भवनों में सौर उर्जा संयंत्र स्थापित करने जा रही है। इससे यहां पढ़ने वाले छात्रों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिल सकेगी। साथ ही बड़े पैमाने पर बिजली की बचत भी होगी । इस योजना का सबसे अधिक लाभ ग्रामीण क्षेत्र के आईटीआई छात्रों को मिलेगा। व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अनुसार प्रदेश के 66 आईटीआई में हरित उर्जा के तहत सौर उर्जा संयंत्र स्थापित होंगे।
प्रदेश में 300 से अधिक सरकारी आईटीआई संचालित किए जा रहे हैं। इनमें सीटों की संख्या करीब 1 लाख 19 हजार से अधिक है। अभी हाल में सरकार ने छात्रों के कौशल विकास के लिए 44 नए राजकीय आईटीआई क्रियाशील किया गया है। इससे 58 हजार से अधिक सीटों में बढ़ोत्तरी हुई है। विभाग के अनुसार हरित उर्जा को बढ़ावा देने के लिए 66 आईटीआई में सौर उर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। हर आईटीआई में 40 किलोवाट क्षमता के सौर उर्जा संयंत्र लगेंगे। हालांकि कई आईटीआई में सौर उर्जा संयंत्र लगना शुरू भी हो गए हैं। इससे छात्रों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिल सकेगी। आईटीआई भवनों में सौर उर्जा संयंत्र लगने से ग्रामीण परिवेश के छात्रों बिजली आपूर्ति पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। उनको 24 घंटे बिजली मिल सकेगी और पढ़ाई में किसी तरह की रूकावट नहीं आएगी।
ग्रामीण क्षेत्र के आईटीआई छात्रों को सबसे अधिक लाभ
व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की ओर से सबसे अधिक आईटीआई ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित किए जा रहे हैं। विभाग के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के राजकीय आईटीआई में सबसे पहले सौर उर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। असल में ग्रामीण क्षेत्र के राजकीय आईटीआई में बिजली कटौती से प्रयोगात्मक कार्य में बाधाएं आती हैं। इससे छात्रों को प्रायोगिक जारी नहीं मिल पाती है। वहीं, सौर उर्जा संयंत्र स्थापित होने से कोरोना काल में ऑनलाइन प्रयोगात्मक कार्य के लिए बिजली की आवश्यकता पूरी हो जाएगी।