पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान संकट का मुद्दा
नई दिल्ली: ब्रिक्स के 13वें शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान संकट का मुद्दा भी उठा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के बाद एक नया संकट पैदा हो गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान को पड़ोसी देशों के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए। दरअसल, तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। उसकी अंतरिम सरकार में कई वैश्विक आतंकवादी शामिल हैं।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना और उसके सहयोगियों की वापसी से एक नया संकट पैदा हो गया है और यह अभी तक साफ नहीं है कि यह वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा को किस तरह प्रभावित करेगा। अच्छी बात यह है कि हमारे देशों ने इस मुद्दे पर खास ध्यान दिया है।’ पुतिन ने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान को पड़ोसी देशों के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान को आतंकवाद के स्रोत और ड्रग तस्करी के जरिए अपने पड़ोसी देशों के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए।’
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BRICS के 13वें शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि संगठन ने एक काउंटर टेररिज्म एक्शन प्लान को स्वीकार किया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई ब्रिक्स समिट में ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर बोलसोनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं। इसके पहले वर्ष 2016 में उन्होंने गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। इस वर्ष भारत उस समय ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है, जब ब्रिक्स का 15वां स्थापना वर्ष मनाया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि BRICS ने पिछले डेढ़ दशकों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं और यह आज दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए प्रभावशाली आवाज है।