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भारतीय टीम को 35 साल बाद मिली सफलता, फैंस गदगद

ind-1449202227मेजबान भारत ने सही मौके पर जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए पूल चरण में अपराजित रहे इंग्लैंड को गुरुवार को खेले गए क्वार्टरफाइनल मुकाबले में 2-1 से हराकर एफआईएच वर्ल्ड लीग फाइनल्स हॉकी टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बना ली जहां उसका मुकाबला बेल्जियम से होगा। 
 
भारत का पूल चरण में प्रदर्शन निराशाजनक रहा था जहां उसने दो मैच हारे थे और ओलंपिक चैंपियन जर्मनी के साथ ड्रॉ खेला था लेकिन सरदार सिंह की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने पूल-ए की चोटी की टीम इंग्लैंड को क्वार्टरफाइनल में 2-0 की बढ़त बनाने के बाद 2-1 से शिकस्त दे दी। 
 
भारत के 1980 के बाद इंग्लैंड के खिलाफ यह पहली जीत है। मेजबान भारत का सेमीफाइनल बेल्जियम से शनिवार को खेला जायेगा। बेल्जियम ने एक अन्य क्वार्टरफाइनल में अर्जेंटीना को 2-1 से शिकस्त दी। 
  
टूर्नामेंट में पहले सेमीफाइनल में शुक्रवार को गत चैंपियन हालैंड और विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला होगा। ड्रैग फ्लिकर वीआर रघुनाथ और तलविंदर सिंह ने 19वें और 39वें मिनट में गोल कर भारत को शानदार जीत दिलाई। 
 
भारत की जीत से खचाखच भरा सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम खुशी से झूम उठा। रघुनाथ ने 19वें मिनट में गोल कर विश्व की छठे नंबर की टीम भारत को बढ़त दिला दी। 
 
तलविंदर ने 39वें मिनट में एक मुश्किल कोण से शानदार गोल दागकर मेजबान टीम को 2-0 से आगे कर दिया। विश्व की पांचवें नंबर की टीम इंग्लैंड के लिए साइमन मेंटल ने 52वें मिनट में गोल कर वापसी की उम्मीदें जगाई लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति ने इसके बाद अपने किले का बखूबी बचाव करते हुये दर्शकों को जश्न मनाने का मौका दे दिया। 
 
भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने गोल में चट्टान की तरह अड़े रहकर कई खूबसूरत बचाव किए। भारतीय रक्षापंक्ति ने इंग्लैंड के तीन पेनल्टी कार्नर बचा कर टीम को सेमीफाइनल का टिकट दिला दिया। 
 
इंग्लैंड के पास अंतिम क्षणों में बराबरी हासिल करने के मौके थे लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने मजबूत इच्छा शक्ति का परिचय देते हुये इन हमलों को नाकाम कर दिया। दो मिनट शेष रहते ब्रिटेन को पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन इस पर प्रयास एक भारतीय खिलाड़ी से टकरा गया। 
 
इंग्लैंड को एक और पेनल्टी कार्नर मिल सकता था मगर भारतीयों ने रिव्यू मांगा और इंग्लैंड के हिस्से में पेनल्टी कार्नर नहीं आया। भारतीय दर्शकों ने तब राहत की सांस ली। यह मुकाबला रोमांचक उतार-चढ़ाव से भरपूर रहा लेकिन भारतीय टीम ने निर्णायक मौकों पर जैसा खेल दिखाया वह तारीफ के काबिल था। 
  
पूल मैचों में 11 गोल करने वाली इंग्लैंड की टीम क्वार्टरफाइनल में सिर्फ एक गोल कर पाई। इंग्लैंड ने अपना आखिरी पूल मैच बेल्जियम के साथ 3-3 से ड्रॉ खेला था और यही चुनौती उसे क्वार्टरफाइनल में भारी पड़ गयी। भारत को 19वें मिनट में आमिर खान की बदौलत पहला पेनल्टी कार्नर मिला। 
 
आमिर का सर्किल में प्रयास डेन शिंगल्स के पैरों से टकरा गया था। कप्तान सरदार ने पुश किया और रघुनाथ का शानदार प्रयास गैरी गिब्सन को छकाते हुये गोल में समा गया। 
 
रमनदीप ने इसके बाद बढ़त दोगुनी करने का एक अच्छा मौका गंवाया। पिछले पांच मौकों पर इंग्लैंड से हर बार पराजित रही भारतीय टीम ने एक गोल की बढ़त के बाद इंग्लैंड पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। 
 
भारतीय दबाव के चलते इंग्लैंड ने अपना गोलकीपर बदलते हुये जेम्स बैली को उतार दिया। इसी बीच तलविंदर ने चिंगलेनसाना कंगुजम के बेहतरीन क्रास पर जबरदस्त गोल दाग दिया। मैच में रूपिंदर पाल को दो मिनट का निलंबन मिलने के कारण भारत को कुछ समय 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा। 
  
मैच में नौ मिनट शेष रहते ब्रिटेन को पेनल्टी कार्नर मिला और साइमन मेंटर का डिफ्लेक्सन भारतीय गोल में समा गया लेकिन इसके बाद श्रीजेश और भारतीय रक्षापंक्ति ने इंग्लैंड को कोई मौका नहीं दिया। 

 

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