देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने जन्मदिन पर कोरोना से आर्थिक प्रभाव को देखते हुए छात्रों के हित में महत्वपूर्ण घोषणा की है। उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग सहित अन्य भर्ती आवेदन शुल्क के व्यय भार से आवेदकों को मुक्त किया गया है। 31 मार्च 2022 तक आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा।
गुरुवार सुबह तिलक रोड स्थित बाल वनिता आश्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बच्चों के साथ अपना जन्मदिन मनाया। इस आश्रम की आधारशाीला राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने रखी थी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कोरोना से वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में रोजगार एवं अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग, उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, उत्तराखण्ड प्राविधिक शिक्षा परिषद, उत्तराखण्ड चिकित्सा चयन बोर्ड और राज्य की अन्य चयन संस्थाओं की ओर से भर्ती के लिए आमंत्रित आवेदन पत्रों के लिए लिए जाने वाले शुल्क के व्यय भार से आवेदकों को मुक्त किया है। इसके तहत 31 मार्च, 2022 तक आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बाल वनिता आश्रम के सभी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि सभी बच्चे मन लगाकर पढ़ाई करें। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि ये बच्चे जिस भी कार्य क्षेत्र में जाएंगे अपना और प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बच्चों को उपहार भेंट भी किए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पौधरोपण भी किया।
बाल बनिता आश्रम में महात्मा गांधी, 16 अक्टूबर 1929 को दून आए थे। यह भूमि लाला मुकुंदलाल रईस ने दान की थी। बाल वनिता आश्रम में बड़ी संख्या में निराश्रित व हर तरफ से ठुकराए हुए बच्चे नई जिंदगी पा रहे हैं। समय बीतने के साथ यह अनाथ आश्रम तरक्की ही कर रहा है।