झारखंड में करम पूजा का त्योहार अकलू के लिए हादसे की तरह आया। बेटियों के लिए शनिवार काल की तरह साबित हुआ। शनिवार की सुबह लातेहार जिला के बालूमाथ थाना के सेरेगड़ा पंचायत के मननडीह गांव के अकलू की तीन बेटियां भी अन्य बच्चियों के साथ करम की डाली विसर्जन के लिए निकलीं।
टोरी शिवपुर के पास रेलवे साइडिंग के करीब तालाब नुमा गड्ढे में करम डाली विसर्जन के दौरान उनमें से एक डूबने लगी तो एक-एक कर बचाने को हाथ बढ़ाने वाली सात बच्चियां डूब गईं। सब दस के बीस साल के बीच की हैं। इनमें अकलू गंझू की तीन बेटियां रेखा, रीना और लक्ष्मी क्रमश: 17, 12 और नौ साल की थीं। वैसे मरने वाली सभी बेटियां गंझू समाज की थीं।
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को करम पूजा के बाद शनिवार को करीब दे दर्ज से अधिक युवतियां करम डाली का विसर्जन करने गई थीं। मगर हादसे में सात की जान चली गई। युवतियां डूबने लगीं तो अन्य ने शोर मचाया। गांव के लोग जुटे तब तक चार की मौत हो चुकी थी। शेष तीन ने अस्पताल पहुंचते पहुंचते दम तोड़ दिया। करीब के बालूमाथ अस्पताल पहुंचाने पर चिकित्स डॉ सुरेश ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सात बेटियों की मौत की खबर से पूरे गांव में सन्नाटा है। सात बच्चियों की मौत पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने शोक संवेदना जाहिर करते हुए मृतक के परिवार को दस-दस लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हादसे के लिए दोषी की पहचान कर कार्रवाई की मांग की है।