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महामारी से निपटने के तरीकों पर बोले अडाणी, ‘आलोचना हो, पर देश के सम्मान की कीमत पर नहीं’

नयी दिल्ली: अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी ने देश में कोविड-19 महामारी से निपटने के प्रयासों का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि आलोचना राष्ट्रीय मान-सम्मान तथा देश के विश्वास को ठेस पहुंचाने की कीमत पर नहीं होनी चाहिए. अडाणी सोमवार को प्रियदर्शनी अकादमी के वैश्विक अवॉर्ड कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि भारत ने जिस तरह से महामारी का मुकाबला किया वह अपने-आप में सभी के लिए सबक है. उन्होंने बताया कि भविष्य में इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए आत्मनिर्भरता से बेहतर कोई बचाव नहीं है. अडाणी समूह के चेयरमैन ने कहा कि अगले दो दशक में भारत की सबसे बड़ी और युवा मध्यम वर्गीय आबादी होगी. भारत एक ऐसा बाजार होगा जिसे प्रत्येक वैश्विक कंपनी अपने लक्ष्य के फोकस में रखना चाहेगी.

अडाणी ने कहा, ”इस उत्साह में ये नहीं भूलना चाहिए कि महामारी से लड़ने के लिए हमें अकेला छोड़ दिया गया था. इसका मतलब ये नहीं है कि आलोचना नहीं हो सकती. लेकिन ये आलोचना राष्ट्रीय मान- प्रतिष्ठा और देश के भरोसे को नुकसान पहुंचाने की कीमत पर और समाज को बांटने के लिए नहीं होनी चाहिए.” उन्होंने सावधान किया कि ऐसा करने से हम उन लोगों के हाथों में खेलने लगेंगे जो भारत को आगे बढ़ते नहीं देखना चाहते.

अडाणी के मुताबिक चाहे हरित दुनिया के लिए सतत प्रौद्योगिकी की बात हो या भारत को जोड़ने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी, अधिक साक्षर भारत के लिए शिक्षा समाधान, स्वस्थ भारत के लिए चिकित्सा समाधान, किसानों के लिए कृषि समाधान या अन्य अनुकूल ढांचे की बात हो, निकट भविष्य में ये हजारों अरब डॉलर के अवसर होंगे. उनका कहना है कि ये आत्मनिर्भरता की आधारशिला रखेंगे. इस यात्रा को हमारे देश की कंपनियों को आगे बढ़ाना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि विभिन्न देशों के बीच व्यापार और वित्त का विस्तार, एकीकरण और अधिक गहराई से जुड़ना तय है.

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