न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के पाकिस्तान दौरा रद्द करने की असली वजह सामने आई, दूसरे विश्व युद्ध से जुड़े हैं तार
नई दिल्ली: हाल ही में न्यूजीलैंड की क्रिकेट टीम पाकिस्तान का दौरा रद्द कर वापस चली गई. इस दौरे के रद्द होने पर पाकिस्तान के क्रिकेटर पूर्व क्रिकेटर भड़क गए थे लेकिन आपको बता दें कि दौरा रद्द होने के असल तार दूसरे विश्व युद्ध तक से जुड़े हैं. आप सोच रहे होंगे कि दूसरे विश्व युद्ध से पाकिस्तान-न्यूजीलैंड क्रिकेट सीरीज का आपस में क्या लेना देना तो आपको बता दें कि इस बात का बड़ा गहरा रिलेशन है. दरअसल, हाल ही में पाकिस्तान न्यूजीलैंड के बीच क्रिकेट सीरीज होनी थी.
इस सीरीज के लिए न्यूजीलैंड की टीम को पाकिस्तान से तीन वनडे मैच पांच टी-20 मैच खेलने थे. न्यूजीलैंड की टीम इसके लिए पाकिस्तान पहुंच भी गई थी पहले मैच की तैयारी हो रही थी. मैच शुरू होने से थोड़ी देर पहले ही खबर आई की न्यूजीलैंड की टीम मैच नहीं खेलेगी. इससे पाकिस्तान ही नहीं, पूरे क्रिकेट जगत में सनसनी फैल गई. न्यूजीलैंड की टीम दौरा रद्द कर वापस चली गई. इसके बाद इंग्लैंड की टीम ने भी अपना पाकिस्तान का आगामी दौरा रद्द कर दिया है. इससे पहले एनसीबी यानी न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए दौरा रद्द किया.
अब सवाल उठता है कि दूसरे विश्व युद्ध से इसका क्या लेना-देना है. दरअसल, न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने जहां से सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है, वो तार दूसरे विश्व युद्ध से जुड़े हैं. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ब्रिटेन के कोड ब्रेकर्स ने 1941 में एक मीटिंग की मिलकर एक सुरक्षा एजेंसी की नींव रखी. बाद में इस एजेंसी में 1948 में कनाडा 1956 में आस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड को इस सुरक्षा एजेंसी में शामिल किया गया. इन पांचों देशों की इस सुरक्षा एजेंसी को फाइव आईज नाम दिया गया. इस सुरक्षा एजेंसी की सूचनाएं बहुत ही पुख्ता मानी जाती हैं ये विश्व के अत्याधिक शक्तिशाली सुरक्षा एजेंसियों में से एक है. हालांकि गठन के बाद धीरे-धीरे ये बेअसर होने लगी थी लेकिन साल 2002 में हुए आतंकी हमले के बाद इसे फिर से मजबूत किया गया.
कई न्यूज एजेंसी का दावा है कि इसी फाइव आईए एजेंसी ने न्यूजीलैंड को खुफिया इनपुट दिए थे कि मैच के बाद न्यूजीलैंड की टीम पर हमला होने वाला है. इसी सूचना के बाद न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने दौरा रद्द करने का फैसला किया. इसके बाद इंग्लैंड के दौरा रद्द करने को लेकर भी इसी एजेंसी के इनपुट को कारण माना जा रहा है. वहीं, कुछ विशेषज्ञ ये भी दावा कर रहे हैं कि चीन के बढ़ते प्रभाव को देख फाइव आईज के सदस्य देश भारत को भी इसका मेंबर बनाने पर विचार कर रहे हैं. हालांकि फिलहाल इस बात की कोई औपचारिक पुष्टि नहीं है.