कोरोना से मरने वालों के परिजनों को मिलेंगे 50-50 हजार रुपए, ऐसे करें अप्लाई
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वो हर कोरोना मृतक के परिवारवालों को 50 हजार रुपए का मुआवजा देगी। मुआवजे की ये रकम राज्य डिजास्टर रिलीफ फंड से पीडि़तों के परिजनों को दी जाएगी। इस राशि को प्राप्त करने के लिए पीडि़त परिवार परिवार को जिले के डिजास्टर मैनेजेंट दफ्तर में आवेदन देना होगा और करोना से हुई मौत का प्रूफ यानी मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा।
मुआवजे की प्रक्रिया के बारे में केंद्र ने बताया है। इसके मुताबिक, संबंधित परिवार मृत्यु प्रमाण पत्र सहित निर्दिष्ट दस्तावेजों के साथ राज्य प्राधिकरण द्वारा जारी एक फॉर्म के माध्यम से अपने दावे प्रस्तुत करेंगे। प्रमाण पत्र में मृत्यु के कारण को कोविड-19 को प्रमाणित किया गया हो। डीडीएमए यह सुनिश्चित करेगा कि दावे, सत्यापन, मंजूरी और अनुग्रह राशि के अंतिम भुगतान की प्रक्रिया मजबूत लेकिन सरल और लोगों के अनुकूल प्रक्रिया के माध्यम से हो। सभी दावों को आवश्यक दस्तावेज जमा करने के 30 दिनों के भीतर निपटाया जाएगा।
आधार से जुड़े प्रत्यक्ष लाभ ट्रांसफर प्रक्रियाओं के माध्यम से वितरित किया जाएगा। शिकायत निवारण के लिए जिला स्तर पर एक समिति होगी। केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी एनडीआरएफ ने आज सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की गई थी की कोरोना से मरने वालों के परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। नियम के मुताबिक प्राकृतिक आपदा से मरने वालों के परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा मिलता है, लेकिन जिस तादाद में कोरोना से लोगों को मौत हुई है उसके बाद केंद्र सरकार ने मुआवजा देने से इनकार कर दिया था।
केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी एनडीआरएफ ने आज सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर करोना से जुड़े मौत पर मुआवजा की रकम और प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की गई थी की करोना से मरने वालों के परिवार को चार लाख रुपए मुआवजा दिया जाए। नियम के मुताबिक प्राकृतिक आपदा से मरने वालों के परिवार को चार लाख रुपए मुआवजा मिलता है, लेकिन जिस तादाद में करोना से लोगों को मौत हुई है उसके बाद केंद्र सरकार ने मुआवजा देने से इंकार कर दिया था।