यूके ने कहा कोविड सर्टिफिकेट के तकनीकी पक्ष को लेकर कोई चिंता नहीं, तो फिर कहां अटका है पेंच
नई दिल्ली: कोविशील्ड वैक्सीन को यूके ने मान्यता दे दी है, लेकिन भारत के वैक्सीन सर्टिफिकेट पर गतिरोध बरकार है। यूके ने भारत के वैक्सीन सर्टिफिकेट को अभी तक मान्यता नहीं दी है। दोनों देशों के बीच इसको लेकर बातचीत चल रही है। भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने कहा कि यूके ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ डॉ. आरएस शर्मा के साथ बैठक की और किसी भी पक्ष ने एक-दूसरे की सर्टिफिकेशन प्रक्रिया के साथ तकनीकी चिंताओं को नहीं उठाया। इसका मतलब है कि यूके जल्द ही भारत के कोविशील्ड सर्टिफिकेट को मान्यता दे देगा। इसके बाद भारत में कोविशील्ड का टीका लगवाने के बाद ब्रिटेन जाने वाले लोगों को क्वारंटीन में नहीं रहना पड़ेगा।
खबरों के मुताबिक ब्रिटेन को कोविशील्ड से कोई दिक्कत नहीं है। क्योंकि यह ऑक्सफोर्ड की एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का ही बदला हुआ नाम है और एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का इस्तेमाल ब्रिटेन में टीकाकरण के लिए किया गया है, लेकिन ब्रिटेन को भारत के कोविशील्ड सर्टिफिकेट से समस्या है। आखिर ऐसा क्यों है? इस पर टीकाकरण पर भारत के राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि भारत की प्रमाणन प्रक्रिया मजबूत है। मुझे नहीं लगता कि वे सर्टिफिकेट पर उंगली उठा रहे हैं। मुझे लगता है कि वे उससे आगे की बात कर रहे हैं। वे पूरी प्रक्रिया की बात कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कोविशील्ड का उत्पादन भारत में हुआ है और इसे यूके को निर्यात भी किया गया और उन्होंने अपने लोगों को इसे लगाया भी।