सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद, गृह मंत्रालय ने सोमवार को कोविड-19 से मरने वालों के परिजनों को 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि देने के आदेश जारी कर दिया है। पिछले साल महामारी की शुरुआत के बाद से देशभर में कोरोना संक्रमण से 4.4 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। राज्यों को भेजे गए एक पत्र में, गृह मंत्रालय ने कहा कि परिजनों को दी जाने वाली यह राशि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) से बाटी जाएगी।
एसडीआरएफ राज्य सरकारों के पास उपलब्ध प्राथमिक कोष है। इसका उपयोग पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान करने पर होने वाले खर्च को पूरा करने के लिए होता है। केंद्र सामान्य श्रेणी के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एसडीआरएफ आवंटन का 75 फीसदी और विशेष श्रेणी के राज्यों (पूर्वोत्तर राज्यों, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर) के लिए 90 फीसदी का योगदान देता है। कोविड-19 को 14 मार्च 2020 को गृह मंत्रालय की ओर से आपदा के रूप में अधिसूचित किया गया था।
गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय परिषद द्वारा 3 सिंतबर को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार उन मृतक के लिए भी अनुग्रह राशि लागू होती है जो लोग राहत कार्यों या फिर तैयारी की गतिविधियों में शामिल थे। उनकी मौत को भी कोविड-19 के रूप में प्रमाणित किया जाता है। आदेश में कहा गया है कि यह अनुग्रह सहायता देश में पहला केस सामने आने की तारीख से लागू होगी और आपदा के रूप में या अगले अदेश तक कोविड-19 का गैर-अधिसूचना तक जारी रहेगी।
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिछले हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार बताया था कि कोविड-19 से मरने वालों के परिजनों को 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि मिलेगी। हालांकि, सरकार ने यह बता दिया था कि यह राशि राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी। सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि मुआवजे का भुगतान न केवल पहले से हुई मौतों के लिए बल्कि भविष्य के लिए भी किया जाएगा।