कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने पर जानिए क्या बोले डी राजा, मनीष तिवारी ने भी साधा निशाना
नई दिल्ली। पूर्व में कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (भाकपा) से जुड़े छात्र नेता कन्हैया कुमार मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। जबकि गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी तकनीकी कारणों से पार्टी में शामिल तो नहीं हुए लेकिन कांग्रेस के मंच से ही पार्टी को समर्थन की बात कही। वहीं, कन्हैया के भाकपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने पर पार्टी महासचिव डी.राजा ने कहा कि कन्हैया कुमार ने खुद को भाकपा से निष्कासित कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुमार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व के साथ सच्चे नहीं थे। राजा ने कहा कि उन्होंने खुद को पार्टी से निकाल दिया। कन्हैया के पार्टी में आने से बहुत पहले से भाकपा मौजूद थी और उनके जाने के बाद भी बनी रहेगी।
कन्हैया पिछले दिनों में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिल चुके हैं और पार्टी मानती है कि कन्हैया कांग्रेस के हाथ को मजबूत बनाएंगे। हालांकि कांग्रेस के अंदर ही इसके विरोध में परोक्ष आवाजें भी उठनी शुरू हो गई हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने दो ट्वीट कर इसका संदेश दे दिया। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा – यह अटकल है कि एक कम्युनिस्ट नेता कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। चीजें जितनी ज्यादा बदलती हैं, उतनी ही पहले की तरह रहती हैं। जबकि दूसरे ट्वीट में पंजाबी लोक कहानियों का उदाहरण देते हुए परोक्ष रूप से नेतृत्व को सतर्क किया है।
यूं तो कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने की बात कुछ अरसे से चल रही थी, मंगलवार को उसे औपचारिक रूप से अमलीजामा पहना दिया गया। कांग्रेस को कन्हैया से कितनी आशाएं हैं इसकी झलक भी दिखी क्योंकि पार्टी कार्यालय के बाहर कन्हैया के कई पोस्टर भी लगे थे।
पार्टी में औपचारिक रूप से शामिल होने के बाद कन्हैया ने लोकतंत्र बचाने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नहीं बची तो लोकतंत्र नहीं बचेगा। वह कांग्रेस में इसीलिए शामिल हुए हैं क्योंकि कांग्रेस महात्मा गांधी, बाबा साहेब अंबेडकर, सरोजनी नायडू की विरासत को लेकर चल रही है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कन्हैया को अभिव्यक्ति की आजादी के योद्धा का प्रतीक करार दिया और भरोसा जताया कि उनके आने से कांग्रेस के कार्यकर्ता उत्साहित होंगे।
बहरहाल, मनीष तिवारी के ट्वीट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की टोली कुछ और सोचती है। तिवारी जी-23 समूह के नेताओं में शामिल हैं। उनका पहला ट्वीट तब हुआ था जब कन्हैया के आने की अटकलें चल रही थीं। तब उन्होंने इशारों इशारों में तंज किया था। उन्होंने कहा 1973 में एक किताब लिखी गई थी जिसका नाम था ‘कम्यूनिस्ट इन कांग्रेस’। मैंने इसे आज फिर से पढ़ा। उनका कहना था कि चीजें जितनी ज्यादा बदलती है वे उतनी ही पुराने स्वरूप में आ जाती हैं। ध्यान रहे कि कन्हैया कुमार 2019 में भाकपा के टिकट पर बेगूसराय सीट से लड़े थे। पहले ट्वीट के बाद मनीष ने दूसरा पंजाबी में किया जिसका संदेश था कि लुभाने वाली किसी चीज के पीछे भागने से पछताना होता है।
बहरहाल, कन्हैया के साथ जिग्नेश ने भी परोक्ष रूप से कांग्रेस का दामन थाम लिया। वह फिलहाल गुजरात विधानसभा में स्वतंत्र उम्मीदवार हैं और ऐसे में कांग्रेस में शामिल होने से सीट चली जाती। बहरहाल उन्होंने इसकी घोषणा कर दी कि वह अगले चुनाव में कांग्रेस की टिकट से लड़ेंगे।