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मप्र सरकार ने महिला हॉकी टीम के खिलाड़ियों को दी 31-31 लाख की सम्मान राशि

मध्य प्रदेश की सरकार ने टोक्यो ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली महिला हॉकी टीम के खिलाड़ियों को अपने वादे के मुताबिक मंगलवार को राजधानी के मिंटो हॉल में आयोजित समारोह में सम्मानित किया। सभी खिलािड़यों को 31-31 लाख रुपए की सम्मान राशि, स्मृति-चिन्ह, प्रशस्ति-पत्र, श्रीफल अंग वस्त्र से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मानित किया।

सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश खेलों के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। प्रदेश के खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए सभी जरूरी सुविधाएं देने का सिलसिला थमने वाला नहीं है। भारत की महिला हॉकी खिलाड़ियों ने भारत का मान बढ़ाया है। इन पर हम सभी को गर्व है। यदि जज्बा मजबूत हो तो सफलता की सभी ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है। भारत की महिला हॉकी टीम ने इस बार टोक्यो ओलिम्पिक में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से यही सिद्ध किया है। प्रदेश में एक वल्र्ड क्लास हॉकी स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। इससे खिलाड़ी खेलप्रेमी दर्शक दोनों लाभान्वित होंगे। यही नहीं वर्ष 2022 के खेलो इंडिया गेम्स भोपाल में आयोजित कराने को केन्द्र सरकार द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्राप्त हो गई है। हम राष्ट्रीय खेल आयोजित करने के लिए भी तैयार हो रहे हैं।

समारोह में मुख्यमंत्री चौहान ने टीम की खिलाड़ियों को 31-31 लाख रूपए की सम्मान राशि, स्मृति-चिन्ह, प्रशस्ति-पत्र, श्रीफल अंग वस्त्र से सम्मानित किया। विशेष अतिथि भारतीय ओलिम्पिक संघ के अध्यक्ष डॉ. नरिंदर ध्रुव बत्रा थे। अध्यक्षता खेल युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने की। हॉकी इंडिया के महासचिव राजिन्दर सिंह हॉकी इंडिया की सीईओ एलीना नार्मन भी उपस्थित थीं।

मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से भारतीय महिला हॉकी टीम को सम्मानित किए जाने के निर्णय की पृष्ठभूमि के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि जब ओलम्पिक के सेमीफाइनल मैच में बहुत अच्छा खेलने के बाद भी महिला हॉकी खिलाड़ियों को विजय नहीं मिली उनकी आंख में आँसू थे, तभी मैंने संकल्प लिया था कि टीम के सदस्यों को भोपाल में सम्मानित किया जाएगा। इसके पहले भारतीय पुरूष हॉकी टीम के प्रतिभाशाली खिलाड़ी विवेक सागर को एक करोड़ रूपए की सम्मान राशि, पुलिस उप अधीक्षक पद पर नियुक्ति मकान देने का कार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि एक समय भोपाल को हॉकी की नर्सरी कहा जाता था। यहाँ से देश को अनेक खिलाड़ी मिले हैं। परन्तु कुछ सालों से हम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। टोक्यो ओलम्पिक ने फिर से हॉकी को पुर्नजीवित कर दिया है। मध्यप्रदेश ने न सिर्फ आर्थिक विकास के क्षेत्र में बीमारू राज्य का तमगा हटाया है बल्कि खेल क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश किसी से पीछे नहीं है।

खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में महिला हॉकी को पूरा बढ़ावा दिया गया है। स्पर्धाएं निरंतर होती रहती हैं, 29 फीडर सेन्टर विकसित किए गए हैं। प्रदेश में 11 एस्ट्रो टर्फ बनाए गए, चार नए मिलाकर इनकी संख्या 15 हो गई है। मध्यप्रदेश महिला हॉकी अकादमी एक श्रेष्ठ हॉकी अकादमी सिद्ध हुई है। राज्य खेल मलखम्ब के लिए 15 फीडर सेन्टर बनाए गए हैं। इस खेल को पूरा प्रोत्साहन दिया जा रहा है। शीघ्र ही उज्जैन में एक राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा होने वाली है।

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