कोझिकोड में चमगादड़ों के सैंपल्स में मिली निपाह की एंटीबॉडी
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) पुणे के इकट्ठे किए गए चमगादड़ों के सैंपल्स में निपाह वायरस एंटीबॉडी का पता लगा है. कोझीकोड जिले के कोडियाथूर और थमारसेरी से ये नमूने लिए गए, यहां पिछले महीने निपाह वायरस का प्रकोप देखा गया था. निपाह के प्रकोप में बाद एनआईवी पुणे ने ये सैंपल इकट्ठे किए थे. पटरोपस प्रजाति के एक सैंपल में निपाह एंटीबॉडी पाई गई है. वहीं कोडियाथूर से कलेक्ट किए गए रूसेटस प्रजाति के एक अन्य सैंपल में निपास वायरस की एंटीबॉडी का पता चला है. स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज (Health Minister) ने बुधवार को कहा कि प्रकोप की जांच के हिस्से के रूप में इकट्ठे किए गए 50 से ज्यादा सैंपल्स की रिपोर्ट अभी नहीं आई है.
उन्होंने कहा कि बेहतर परिणाम के लिए ज्यादा चमगादड़ों के सर्विलांस और महामारी को स्टडी किए जाने की जरूरत है. मौजूदा सबूतों को देखते हुए परिणाम निकालना तर्कसंगत होगा कि कोझीकोड में निपाह का प्रकोप चमगादड़ से हुआ था. जॉर्ज ने ये भी कहा कि हालांकि वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि चमगादड़ से ये इंसानों में कैसे फैला. 4 सितंबर को कोझीकोड में निपाह का अकेला मामला सामने आने के बाद से राज्य में 21 दिनों के बाद तक निपाह का कोई नया मामला सामने नहीं आया. जॉर्ज ने कहा कि यह व्यवस्थित और सक्रिय तरीका अपनाते हुए स्वास्थ्य विभाग के उपाय करने के चलते हुआ.
अगले 21 दिन निगरानी में
अगले 21 दिन तक अगर निपाह का कोई नया मामला सामने नहीं आता है तो ये घोषित करना सुरक्षित होगा कि प्रकोप पूरी तरह से नियंत्रण में है. तब तक निपाह को लेकर राज्य अलर्ट पर है. 4 सितंबर को मामले का पता लगने के बाद से ही कोझीकोड जिले में पंचायत के आसपास व्यापक निगरानी और नियंत्रण के उपाय किए गए थे. स्वास्थ्य विभाग द्वारा पंचायत अधिकारियों की मदद से घर-घर की निगरानी के तहत 16,732 घरों और 76,074 लोगों का सर्वे किया गया, 50 सैंपल्स निगेटिव मिले.
कोविड -19 मौतें
जॉर्ज ने कहा कि राज्य कुछ वक्त में COVID-19 मौतों की एक व्यापक लिस्ट जारी करेगा, जिसमें 30 दिनों के भीतर हुई मौतें शामिल होंगी. उन्होंने कहा कि राज्य केंद्र के अनुसार नए दिशा-निर्देश जारी करेगा. उन परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा, जिन्होंने कोविड के चलते अपने प्रियजनों को खो दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में कोविड-19 टीकों की पहली डोज के दायरे में आने वाली आबादी 91 प्रतिशत को पार कर गई है. राज्य में कोरोना की लगभग 94% मौतें उनकी थीं, जिनका वैक्सीनेशन नहीं हुआ था.