मनीष गुप्ता मर्डर केस में बैकफुट पर योगी सरकार, मंत्री बोले- हम पीड़ित परिवार के साथ
गोरखपुर में पुलिस की पिटाई से मरने वाले कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता का अंतिम संस्कार मौत के 53 घंटे बाद गुरुवार सुबह हुआ। इस मामले में छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है। सीएम योगी परिवार से बात कर चुके हैं। अब यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक का कहना है कि इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाएगा।
ब्रजेश पाठक ने कहा, ‘किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है, चाहे वह पुलिसकर्मी हो या उच्च पदों पर आसीन कोई अन्य व्यक्ति। इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाएगा। सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। हम उनकी मांगों को सुनेंगे।’ गोरखपुर के एक होटल में छापेमारी के दौरान व्यापारी की मौत पर यूपी के कानून मंत्री ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है। सीएम ने 6 निलंबित पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए हैं और हम उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस की झूठी कहानी की पोल खोलकर रख दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि मनीष के सिर, चेहरे और शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं। मनीष के सिर के अगले हिस्से पर तेज प्रहार किया गया, जिससे उनकी नाक के पास से खून बह रहा था। हालांकि, पुलिस ने घटना के बाद अपने पहले बयान में इसे हादसे में हुई मौत बताया था।