भारत दौरे पर 9 अक्टूबर को आएंगे डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेते फ्रेडेरिक्सेन, दोनों देशों के बीच संबंध और होंगे मजबूत
डेनमार्क की प्रधानमंत्री (Danish Prime Minister) मेते फ्रेडेरिक्सेन (Mette Frederiksen) 9 से 11 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर आएंगी, इस दौरान दोनों देश पिछले साल स्थापित किए गए ‘हरित रणनीतिक साझेदारी’ के कार्यान्वयन में प्रगति की समीक्षा कर सकते हैं. यात्रा की घोषणा करते हुए विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच घनिष्ठ व मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूती मिलने की उम्मीद है.
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में हरित साझेदारी को अंतिम रूप दिया गया था. इसका उद्देश्य अक्षय ऊर्जा, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन और विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग के महत्वपूर्ण विस्तार के लिए एक रूपरेखा तैयार करना है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि फ्रेडेरिक्सेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगी और थिंक टैंक, छात्रों और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ भी बातचीत करेंगी. उनका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मिलने का कार्यक्रम है.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘मेते फ्रेडरिकसेन की यात्रा से दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों के पूरे पहलू पर चर्चा करने और ‘हरित रणनीतिक साझेदारी’ के कार्यान्वयन में प्रगति की समीक्षा करने का अवसर मिलेगा. दोनों पक्ष आपसी हित के क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे.’
भारत में 200 से अधिक डेनिश कंपनियां मौजूद
भारत और डेनमार्क के बीच मजबूत व्यापार और निवेश संबंध हैं. भारत में 200 से अधिक डेनिश कंपनियां मौजूद हैं और 60 से अधिक भारतीय कंपनियों की डेनमार्क में उपस्थिति है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘नवीकरणीय ऊर्जा, क्लीन टेक्नोलॉजी, जल और अपशिष्ट प्रबंधन, कृषि और पशुपालन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, आईसीटी सहित डिजिटलीकरण, स्मार्ट शहरों, शिपिंग आदि के क्षेत्र में मजबूत सहयोग मौजूद है.’
इस साल सितंबर में विदेश मंत्री ने की थी मेते फ्रेडेरिक्सेन से मुलाकात
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पांच सितंबर को कोपनहेगन में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेते फ्रेडेरिक्सेन से मुलाकात की थी और हिंद-प्रशांत, अफगानिस्तान तथा यूरोपीय संघ की वैश्विक भूमिका से संबंधित मुद्दों पर उनके साथ चर्चा की थी. द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने तथा यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ भारत के सहयोग को और मजबूत करने के लिए तीन यूरोपीय देशों- स्लोवेनिया, क्रोएशिया और डेनमार्क के अपने दौरे के अंतिम चरण में जयशंकर डेनमार्क पहुंचे थे. उन्होंने फ्रेडेरिक्सेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभेच्छाएं भी प्रेषित कीं थीं.