अस्थायी आवंटन के लिए जरूरी दस्तावेजों में आधार भी एक होगा : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि खोरी गांव के पात्र आवेदकों को पुनर्वास योजना के तहत अस्थायी आवंटन करने के लिए फरीदाबाद नगर निगम द्वारा आधार कार्ड को भी एक दस्तावेज के रूप में शामिल किया जाएगा। खोरी गांव में अरावली वन क्षेत्र के तहत आए अनधिकृत घरों को ढहा दिया गया है।सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम प्रबंध के तौर पर फरीदाबाद नगर निगम को निर्देश दिया कि आवेदक के सत्यापन की शर्त पर अस्थायी आवंटन करने के लिए उस आवेदन को भी प्रक्रिया में शामिल किया जाए जिसके साथ आधार कार्ड लगा हो।
शीर्ष अदालत ने कहा कि आधार कार्ड, योजना के तहत निर्धारित अन्य दस्तावेजों के अतिरिक्त होगा।जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश महेश्वरी की पीठ ने स्पष्ट किया कि अस्थायी आवंटन से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के फ्लैटों पर व्यक्ति का तब तक कोई अधिकार नहीं होगा जब तक कि वह पुनर्वास योजना के तहत आवश्यक अपनी पात्रता को साबित नहीं कर देता। पीठ ने उक्त टिप्पणी नगर निकाय और कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ताओं का पक्ष सुनने की बाद कीं। निगम के आधिकारिक ई-पोर्टल के कामकाज के बारे में कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से शिकायतों के संबंध में पीठ ने कहा कि सुधार के कुछ कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं और नगर निकाय पूर्व में इंगित की गईं खामियों से निपटने के लिए जरूरी कदम उठा सकता है। मामले पर अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी।