केंद्रीय कैबिनेट ने अटल मिशन अमृत 2.0 को दी मंजूरी, लगभग 3 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी सरकार
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवीकरण और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन- अमृत 2.0 को 2025-26 तक के लिए मंगलवार को मंजूरी दे दी। कैबिनेट के अनुसार, अमृत 2.0 के लिए कुल 2,77,000 करोड़ रुपए है तथा इसमें वित्त वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक पांच वर्षों के लिए 76,760 करोड़ रुपए का केंद्रीय हिस्सा शामिल है। बयान के अनुसार, परियोजनाओं के लिए धन केंद्र, राज्य और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) द्वारा साझा किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सरकारी बयान के अनुसार, अटल मिशन (अमृत 2.0) का मकसद आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम के रूप में और पानी की चक्रीय अर्थव्यवस्था के जरिए शहरों को जल सुरक्षित एवं आत्मनिर्भर बनाना है। अमृत 2.0 का लक्ष्य सभी 4,378 सांविधिक कस्बों में घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करके जल आपूर्ति के सार्वभौमिक कवरेज का लक्ष्य है।
परियोजनाओं के लिए धन केंद्र, राज्य और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) द्वारा साझा किया जाएगा। राज्यों को केंद्रीय निधि राज्य जल कार्य योजना के अनुसार राज्य के आवंटन के आधार पर तीन चरणों में जारी की जाएगी। अमृत 2.0 का लक्ष्य सभी 4,378 सांविधिक कस्बों में घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करके जल आपूर्ति के सार्वभौमिक कवरेज का लक्ष्य है। 500 अमृत शहरों में घरेलू सीवरेज/सेप्टेज प्रबंधन का 100% कवरेज अन्य उद्देश्य है। कोयला संकट से निपटने के लिए सरकार बढ़ाएगी उत्पादन, 5 दिनों में 20 लाख टन प्रतिदिन करेगी बयान के अनुसार, मंत्रिमंडल का मानना है कि शहरी परिवारों को विश्वसनीय और सस्ती जलापूर्ति तथा स्वच्छता सेवाएं प्रदान करना एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है।
इसके तहत सभी घरों को चालू नल कनेक्शन प्रदान करके, जल स्रोत संरक्षण/वृद्धि, जल निकायों और कुंओं का कायाकल्प, शोधित किए गए पानी का पुनर्चक्रण/पुन: उपयोग और वर्षा जल संचयन द्वारा प्राप्त किया जाएगा। मिशन के तहत 500 अमृत शहरों में घरेलू जलमल निकासी एवं प्रबंधन का 100 प्रतिशत कवरेज लक्षित किया गया है। इसका लक्ष्य 2.68 करोड़ नल कनेक्शन प्रदान करना है।