लखीमपुर हिंसा में मारे गए BJP कार्यकर्ताओं के घर पहुंचे यूपी के मंत्री, पर किसानों के घर नहीं गए
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) के 10 दिन बाद बुधवार को प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक (Brijesh Pathak) यहां पहुंचे. वो बीजेपी के पहले नेता हैं जिन्होंने इस इलाके का दौरा किया. हालांकि, इस दौरान पाठक हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के घर ही पहुंचे. इस हिंसा में 4 किसानों की भी मौत हो गई थी, लेकिन पाठक उनके घर नहीं गए, जिस वजह से उनपर सवाल भी उठाए जा रहे हैं.
लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. हिंसा में चार किसान दलजीत सिंह (32), गुरविंदर सिंह (20), लवप्रीत सिंह (30) और नक्षत्र सिंह (65) की मौत हो गई थी. तीन बीजेपी कार्यकर्ता हरिओम (35), श्याम सुंदर (40) और शुभम मिश्रा (30) और एक स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप (28) की भी इस हिंसा में जान चली गई थी.
ब्रजेश पाठक ने बुधवार को लखीमपुर खीरी का दौरा उस वक्त किया, जिस वक्त राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) से मुलाकात कर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra) की बर्खास्तगी की मांग की.पाठक शुभम मिश्रा के घर पहुंचे. उनके साथ बीजेपी के जिला अध्यक्ष सुनील सिंह और जिला उपाध्यक्ष विजय शुक्ला रिंकू और अनुराग मिश्रा भी थे. यहां पहुंचे पाठक ने मीडिया से बात नहीं की. लेकिन बाद में न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम हिंसा में मारे गए सभी लोगों के परिवार के साथ हैं. ये बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और जांच के बाद दोषियों को सजा दी जाएगी.’
उन्होंने बताया कि उन्होंने दो मृतकों के परिवारों से मुलाकात की और उनमें से एक के माता-पिता को मेडिकल हेल्प देने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा, ‘परिवारों ने कोई मांग नहीं की, लेकिन हम सभी पीड़ित परिवारों के साथ हैं. हमने उन्हें निष्पक्ष कार्रवाई का भी आश्वासन दिया है.’ उन्होंने ये भी कहा कि वो जल्द ही सभी पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे. हालांकि, पाठक अपने दौरे में हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों से मिलने नहीं पहुंचे, जिस कारण विरोधी सवाल भी उठा रहे हैं. इसके अलावा पाठक के दौरे को राजनीतिक रंग से भी देखा जा रहा है. पाठक ब्राह्मण हैं और इस हिंसा में मारे गए तीनों बीजेपी कार्यकर्ता भी ब्राह्मण हैं.