उत्तराखंडराज्य

भारी बारिश से तबाही मचाने वाली बेमौसमी बरसात ने तोड़ा 104 साल का रिकॉर्ड

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने हर जगह कहर बरपाया है। पुल टूटने से लेकर नेशनल हाईवे तक बाधित हुए हैं। भारी बरसात की वजह से अब तक 42 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। चिंता की बात है कि मैदानी इलाकों से लेकर पर्वतीय क्षेत्रों में भी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। नैनीताल जिले में सोमवार सुबह से मंगलवार सुबह तक कुल 251.74 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज हुई है।

इस बेमौसमी बारिश ने अक्तूबर माह में सर्वाधिक वर्षा का 104 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इससे पहले अक्तूबर 1917 में 188.7 मिलीमीटर बारिश पूरे माह में दर्ज की गई थी। बीते 24 घंटे की बारिश का क्षेत्रवार रिकॉर्ड देखें तो नैनीताल शहर में सबसे ज्यादा वर्षा हुई है। जिला आपदा कंट्रोल रूम के मुताबिक यहां 445 मिलीमीटर कुल बारिश रिकॉर्ड हुई है। जबकि रामनगर शहर में सबसे कम 65 मिलीमीटर बारिश हुई। अक्तूबर माह में दो दिन में हुई भारी बारिश से ठंड में भी इजाफा हो गया है।

24 घंटे में महीने की सामान्य से 6 गुना वर्षा: मौसम विभाग के मुताबिक नैनीताल जिले में अक्तूबर माह में 40.5 मिलीमीटर सामान्य बारिश मानी जाती है। लेकिन बीते 24 घंटे में 251.74 मिलीमीटर बारिश हुई है। बारिश का यह आंकड़ा जिले में पूरे माह की सामान्य बारिश से 6 गुना है।

पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से हुई बारिश : जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की वजह से बीते तीन दिन भारी बारिश हुई। उन्होंने बताया कि अगले कुछ दिनों तक बारिश की सम्भावना फिलहाल नहीं है।

कुमाऊं में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड टूटा
देहरादून। कुमाऊं में बारिश का ऑल टाइम रिकॉर्ड टूटा है। मौसम केंद्र देहरादून से जारी आंकड़ों के अनुसार, पंतनगर में 10 जुलाई 1990 को 24 घंटे के भीतर सर्वाधिक 228 एमएम बारिश हुई थी। जबकि पिछले 24 घंटे में 403 एमएम बारिश रिकॉर्ड हुई है। वहीं मुक्तेश्वर में 18 सितंबर 1914 को 24 घंटे की सर्वाधिक बारिश का ऑल टाइम रिकॉर्ड 254.5 एमएम था। जबकि पिछले 24 घंटे में यहां 340.8 एमएम बारिश हुई है। पंतनगर में 25 मई 1962 और मुक्तेश्वर में एक मई 1897 में मौसम वेधशाला स्थापित हुई थी। तब से अब तक का यह बारिश का ऑल टाइम रिकॉर्ड दर्ज हुआ है।

24 घंटे के भीतर किस इलाके में कितनी बारिश
-चंपावत ऑटोमेटिव वैदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) में 579.0, पंचेश्वर में 508.0, लोहाघाट में 392.0, देवीधुरा में 338.0, लोहाघाट में 321.5, चल्थी में 289.0, बस्ती मे 254.0, बनबसा में 125.0, टनकपुर में 123.0 एमएम बारिश हुई।
-नैनीताल (एडब्ल्यूएस) में 535.0, ज्योलिकोट केवीके में 490.0, भीमताल में 402.0, मुक्तेश्वर में 340.8, हल्द्वानी में 325.4, रामनगर में 227.0 एमएम बारिश हुई।
-ऊधमसिंहनगर के रुद्रपुर (एडब्ल्यूएस) में 484.0, गूलरभोज में 473.0, पंतनगर में 403.2, खटीमा में 212.0, काशीपुर में 176.0, काशीपुर में 166.0, खटीमा में 127.0 एमएम बारिश हुई।
-पिथौरागढ़ गनाई गंगोली में 325.0, थल में 242.0, पिथौरागढ़ केवीके (एग्रो) में 242.0, बेरीनाग में 231.0, पिथौरागढ़ में 212.1, धारचूला में 196.0, डीडीहाट में 155.0, गंगोलीहाट में 136.0, बेरीनाग में 112.0, मुनस्यारी में 106.2 एमएम बारिश हुई।
-बागेश्वर के शमा में 308.0, लिट्टी में 299, डांगोली में 283, लोहारखेत में 204, बागेश्वर में 157.5, कपकोट में 157.0, गरुड़ में 116.5 एमएम बारिश रिकॉर्ड हुई।
-अल्मोड़ा के ताकुला में 282.0, मटेला में 237.5, जागेश्वर में 230, अल्मोड़ा में 217.0, द्वारहाट में 184.0, रानीखेत में 165.0, चौखुटिया में 158.0, सोमेश्वर में 140.0 एमएम बारिश दर्ज हुई।
-पौड़ी के लैंसडौन में 238, सतपुली में 218, कोटद्वार में 138.0, थैलीसैंण में 138.0, श्रीनगर में 128.4, धूमकोट में 107.5 बारिश रिकॉर्ड हुई।

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