जीका वायरस के पहले मामले के पुष्टि के बाद उत्तर प्रदेश सरकार सतर्क, जारी की गई एडवाइजरी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जीका वायरस के केस मिलने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. राज्य सरकार ने जीका वायरस के खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी किया है. उत्तर प्रदेश में रविवार को कानपुर में जीका वायरस का पहला मामला सामने आया था, जिसके बाद से एडवायजरी जारी की गई है.
जीका का यह पहला मामला एयरफोर्स अधिकारी में मिला है. जिसके बाद इस रोगी को सेवन एयरफोर्स अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करवाया है. जहां उनके परिजनों को भी रोगी से मिलने की इजाजत नहीं है. इसके साथ ही एयरफोर्स कर्मी के निवास स्थान के जकारिया कंपाउंड के एक किलोमीटर के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है. चूंकि जीका वायरस जिस मच्छर से फैलता है वो चार सौ मीटर तक की रेंज में असर डालता है. इसलिए पूरे एक किलोमीटर के इलाके में दवा का छिड़काव किया जा रहा है ताकि इसके प्रसार को रोका जा सके.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशक, डॉ वेद व्रत सिंह के एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को संदिग्ध मामलों पर नजर रखने के लिए कहा गया है, जबकि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की लैब को परीक्षण करने के लिए लगाया गया है. . केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेशों के बाद जीका मामलों से निपटने के लिए सामान्य तैयारी के निर्देश जारी किए गए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश के बाद जीका वायरस के मामलों से निपटने के लिए सामान्य तैयारियों के निर्देश जारी किए गए हैं. स्वास्थ्य महानिदेशक ने लोगों से घबराने और सरल लेकिन प्रभावी निवारक उपायों को अपनाने की अपील की है. जीका वायरस से संक्रमित एयरफोर्स कर्मी की तबीयत में फिलहाल सुधार बताया जा रहा है. इलाज के लिए दो डॉक्टरों समेत 4 सदस्यों की टीम बना दी गई है. फिलहाल रूम में डॉक्टरों के अलावा और किसी को जाने की इजाजत नहीं है. दरअसल, 4 दिन पहले जीका वायरस के रोगी को सांस लेने में और हाइपरटेंशन की परेशानी हुई थी. जिसके बाद उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया था. तब जीका वायरस की पॉजिटिव रिपोर्ट भी नहीं आई थी. NIV पुणे की रिपोर्ट आने पर अलर्ट जारी किया गया.