अन्तर्राष्ट्रीय

नेपाल ने सरप्लस बिजली के अधिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए दरों में की कटौती

नेपाली अधिकारी बिजली दरों में औसतन 2.84 फीसदी की कटौती करके अधिक बिजली की खपत को प्रोत्साहित कर रहे हैं, क्योंकि दक्षिण एशियाई देश जलविद्युत का सरप्लस (अधिशेष) पैदा कर रहा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बिजली नियामक आयोग ने उन घरों के लिए ऊर्जा शुल्क माफ कर दिया है जो प्रति माह 20 यूनिट से कम खपत करते हैं, हालांकि उन्हें हर महीने न्यूनतम 30 नेपाली रूपये (24 डॉलर) का सेवा शुल्क देना पड़ेगा है।
150 से 250 यूनिट प्रति माह की खपत करने वाले परिवारों के लिए, दर को आधा रुपया प्रति यूनिट घटाकर 9.5 नेपाली रूपये किया गया है।

बिजली नियामक आयोग ने कहा कि अधिक बिजली का उपयोग करने वाले उद्योगों के लिए भी कम दर (टैरिफ) की पेशकश की गई है नई दरें 17 नवंबर से एक साल के लिए लागू होंगी। आयोग के अध्यक्ष दिल्ली बहादुर सिंह ने प्रेस को बताया, हमने घरों में इलेक्ट्रिक ओवन के उपयोग को बढ़ावा देने, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने खेतों की सिंचाई के लिए बिजली की सुविधाओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए दरों को कम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि सिंचाई सुविधाओं के लिए बिजली की दरों में 40.69 प्रतिशत की कटौती की जानी है।

नेपाल के शहरी इलाकों में ज्यादातर घर खाना बनाने के लिए गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं। नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) के अनुसार, देश में वर्तमान में लगभग 2,000 मेगावाट (एमडब्ल्यू) की स्थापित क्षमता है, लेकिन बुधवार को देश भर में पीक-आवर की मांग 1,500 मेगावाट से कुछ अधिक थी। वहीं अन्य समय में, बिजली की मांग 1,300 मेगावाट से कम हो जाती है।

एनईए के प्रवक्ता सुरेश बहादुर भट्टाराई ने कहा कि भारत को सरप्लस ऊर्जा बेचने के नेपाल के प्रस्ताव को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है।

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