खुल गया राज, बांग्लादेश में भी हिंदुओं को नहीं जीने दे रहे पाक समर्थक
कोलकाता: बांग्लादेश में हाल ही में दुर्गा पूजा के दौरान अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा के लिए सरकार ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और पाकिस्तान समर्थक तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है। हसीना सरकार में सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री एम हसन महमूद ने गुरुवार को कोलकाता में यह दावा किया। यहां प्रेस क्लब में मीडिया को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, ”बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के लोग इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि इसके पीछे कौन है। बीएनपी जैसे कुछ दल और जमात सांप्रदायिकता में विश्वास करते हैं और अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं। उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कि दुर्गा पंडाल में कुरान किसी हिंदू ने नहीं बल्कि मुस्लिम शख्स ने ही रखी थी।
बांग्लादेशी मंत्री ने कहा, ”आप सभी जानते हैं कि देश की आजादी के संघर्ष (1971) के दौरान भी कुछ लोग थे जिन्होंने पाकिस्तानी सेना का समर्थन किया। मत भूलिए कि उनके वंशज अभी भी वहां हैं।” बांग्लादेश में कुरान के कथित अपमान की घटना के बाद हिंदुओं पर हमले हुए। कई जगह दुर्गा पूजा के पंडालों और मंदिरों में तोड़फोड़ हुई और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को बर्बरता से पीटा गया, जिसमें कई की जान भी चली गई। झड़पों में कम से कम 5 लोगों की मौत हुई तो कई घायल हुए। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता चला कि कमिला में इकबाल हुसैन नाम के एक शख्स ने यह साजिश रची थी। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आरोपी ने हनुमान की गोद में कुरान रखने की बात स्वीकार की।
मंत्री ने बीएनपी की सांप्रदायिक राजनीति और पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बांग्लादेश सरकार ने सभी दोषियों के खिलाफ सख्त ऐक्शन लिया है। महमूद ने कहा, ”बीएनपी में जो सांप्रदायिक राजनीति करते हैं, जो पाकिस्तान की विचारधारा का पालन करते हैं, उनके लिए धर्म पहले है। यह उनमें और हमें फर्क है। बांग्लादेश सरकार ने सांप्रदायिक घटना के बाद सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।”
महमूद ने कहा, ”जब चुनाव आता है, ये लोग भारत विरोधी और हिंदू विरोधी नारा देते हैं और कहते हैं कि तुम लोगों को वोट नहीं डालना चाहिए। इन लोगों ने राजनीतिक उद्देश्य से यह घटना की है।” मंत्री ने कहा कि हिंदुओं पर अत्याचार देशभर में दंगा फैलाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ”किसी हिंदू ने कुरान को पूजा पंडाल में नही रखा था। अंत में जांच से पता चला कि इकबाल नाम के मुस्लिम ने उकसावे में आकर यह किया था। एजेंसियां जांच कर रही हैं और सख्त कार्रवाई की जाएगी।