तालिबान सरकार को अमेरिका मान्यता दे नहीं तो ….
काबुल: तालिबान ने भले ही अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया हो लेकिन देश को चलाने में उसे कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. भुखमरी और तमाम बंदिशों से जूझ रहे तालिबान ने अब अमेरिका और बाकी देशों के लिए चेतावनी जारी की है. तालिबान ने अमेरिका और कई अन्य देशों से अफगानिस्तान में अपनी सरकार को मान्यता देने का आह्वान किया है. तालिबान का कहना है कि अगर बाकी दुनिया ऐसा करने में विफल रहती है और अफगानिस्तान के फंड्स को लगातार विदेशों में फ्रीज किया जाता रहा तो न केवल अफगानिस्तान बल्कि पूरी दुनिया के लिए कठिनाई पैदा होंगी.
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, ‘अमेरिका को हमारा संदेश है कि अगर तालिबान को मान्यता नहीं दी गई और अफगानिस्तान की परेशानियां जारी रहीं तो ये समस्या जो अभी अफगानिस्तान की समस्या बनी हुई है वो पूरी दुनिया के लिए समस्या बन सकती है. उन्होंने कहा कि तालिबान और अमेरिका के बीच पिछली बार युद्ध होने का एक कारण ये भी था कि दोनों देशों के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं थे.
अभी तक किसी देश ने तालिबान सरकार को औपचारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है. हालांकि, पाकिस्तान समेत कुछ देश अफगानिस्तान की मदद कर रहे हैं. अफगानिस्तान भुखमरी और गरीबी से जूझ रहा है और तालिबान अपने आपको बेबस महसूस कर रहा है. अफगानिस्तान के कई इलाकों में मजदूर तालिबान से पैसों के बदले गेहूं लेकर काम चला रहे हैं क्योंकि इस देश में नकदी की भी भारी कमी हो चुकी है. अफगानिस्तान के हालात इस वजह से भी ज्यादा खराब हैं क्योंकि उनकी अरबों डॉलर की संपत्ति विदेशों में फ्रीज है.
तालिबानी मंत्रियों से कई देश के प्रतिनिधि कर चुके हैं मुलाकात
गौरतलब है कि तालिबानी सरकार को भले ही अभी तक किसी देश ने मान्यता ना दी हो लेकिन कुछ देशों के सीनियर अधिकारी तालिबान के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं.तालिबान के नेता हाल ही में तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्री काबुल पहुंचे थे. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान और भारत की गैस पाइपलाइन को लेकर बात की थी. इसके अलावा, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कतर में तालिबान अधिकारियों से मुलाकात की थी.