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नीट रिजल्ट : मेडिकल कॉलेजों की कट-ऑफ के आधार पर होंगे दाखिले

नई दिल्ली: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने नीट 2021 परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। हैदराबाद के मृणाल कुट्टेरी, दिल्ली से तन्मय गुप्ता और मुंबई से कार्तिका ने नीट परीक्षा में टॉप किया है। इस परीक्षा में तीनों छात्रों ने 720 में से 720 अंक हासिल किए हैं। नीट परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को देश के विभिन्न प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस, बीएएमएस, बीएसएमएस, बीयूएमएस और बीएचएमएस समेत विभिन्न कोर्सेज में कट-ऑफ के आधार पर दाखिला मिल सकेगा।

जारी किए गए नीट रिजल्ट के मुताबिक, इन परीक्षाओं में कुल 16,14,777 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन किया था। इनमें से 15,44,275 छात्र परीक्षा में शामिल हुए। इन छात्रों में से 8,70,074 छात्रों ने यह परीक्षा क्वालिफाइ की है। अब अगली प्रक्रिया में मेडिकल कॉलेजों की कट-ऑफ लिस्ट रिलीज होगी, जिसके आधार पर एडमिशन प्रोसेस शुरू होगा। इसके लिए दो तरह से काउंसलिंग की जाएगी। एक काउंसलिंग 15 फीसदी ऑल इंडिया कोटा के आधार पर और दूसरी काउंसलिंग राज्य अपने स्तर पर मेरिट लिस्ट के जरिए करेंगे।

रिजल्ट आने के बाद टॉपर मृणाल ने कहा कि अपने स्कूल के शुरुआती दिनों में वह इंजीनियर बनना चाहते थे। फिर इसके बाद दोस्तों के साथ वीडियो गेम खेलने लगे और वीडियो गेम खेलते हुए ही उन्होंने भारतीय सेना में भर्ती होने का इरादा किया। मृणाल ने बताया कि वह सेना में डॉक्टर बनना चाहते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनका ध्यान डॉक्टर बनने पर केंद्रित होता गया। उन्होंने बताया कि अंत में उनका उद्देश्य केवल और केवल डॉक्टर बनना रह गया।

मृणाल बताते हैं कि पढ़ाई के लिए उनका कोई निश्चित टाइम टेबल नहीं था। वह बहुत लंबे लंबे सत्रों में भी पढ़ाई नहीं करते थे। कभी 45 मिनट तो कभी एक घंटा पढ़ाई कर कर तो ब्रेक लेते थे। मृणाल ने नीट एवं अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को सलाह देते हुए कहा, परीक्षा में अव्वल आने का कोई खास नुस्खा नहीं है। एक चीज मैंने महसूस की है कि आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कौन सा तरीका आपके मुताबिक काम कर रहा है। पढ़ने और सीखने के नए-नए तरीकों को एक्सप्लोर करते रहना चाहिए।

वहीं दिल्ली के तन्मय गुप्ता ने बताया कि दसवीं कक्षा पास करने के बाद बच्चों के मन में यह क्लियर हो जाता है कि उन्हें मेडिकल या नॉन मेडिकल किस प्रकार के कोर्स में दाखिला लेना है। इसी तरह मेरे दिमाग में भी यह बात स्पष्ट थी कि मुझे मेडिकल में जाना है। तन्मय बताते हैं कि यह 2 वर्ष की लंबी पढ़ाई है। बोर्ड परीक्षाओं और नीट परीक्षाओं को एक साथ आगे लेकर चलना है। एक बार जब दोनों में तालमेल बिठा लिया तो यह प्रक्रिया आसान हो गई।

तन्मय बताते हैं कि एक दिन में ज्यादा पढ़ने से कुछ नहीं होगा, बल्कि लगातार थोड़ा-थोड़ा पढ़ते रहना है। यह एक 2 साल लंबा सफर है। ज्यादा दबाव लेने पर शुरुआत में ही थक गए तो फिर 2 साल लंबी पढ़ाई में मुश्किलें आ सकती हैं। परीक्षा में अव्वल रहीं कार्तिका जी नायर का पसंदीदा विषय बायोलॉजी रहा और सबसे कम पसंदीदा सब्जेक्ट फिजिक्स है, क्योंकि उन्हें नंबर वाले विषय के साथ पढ़ना बहुत अधिक रुचिकर नहीं लगता। कोरोना और खासकर कोरोना के बाद लागू किए गए लॉकडाउन को लेकर कार्तिका कहती है कि तब में 11वीं कक्षा में थी और 12वीं में पहुंचने वाली थी।

कार्तिका ने कहा कि हमें अचानक मोबाइल और लैपटॉप पर शिफ्ट होना पड़ा। कोचिंग के लिए भी ऑनलाइन कोचिंग लेनी पड़ी। शुरुआत में यह बहुत कठिन था, लेकिन कोचिंग के दौरान शिक्षकों ने भी पूरा साथ दिया और उतना ही कठिन परिश्रम हमारे साथ मिलकर किया। इससे बाद में स्थितियां आसान होती चली गईं। नतीजे घोषित किए जाने के साथ ही अब मेडिकल कॉलेजों में जल्द दाखिले शुरू किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 28 अक्टूबर को एनटीए को नीट परिणाम 2021 जारी करने की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद 1 नवंबर को एनटीए परीक्षा परिणाम की घोषणा कर दी है।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 में संशोधन के बाद देशभर में स्थित 13 एम्स और पुडुचेरी के जवाहरलाल पीजी चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के एमबीबीएस पाठ्यक्रम की प्रवेश परीक्षाएं भी नीट के जरिए से ली गई हैं। नीट यूजी 2021 परीक्षा भारत के 202 शहरों में 3,800 से अधिक परीक्षा केंद्रों में रविवार 12 सितंबर को दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे के बीच आयोजित की गई थी। पूरे देश में लगभग 16 लाख छात्रों ने परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन किया था।

एनटीए के मुताबिक, भारत सरकार की पहल पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी पहली बार दुबई में भी आयोजित की गई। दुबई स्थित परीक्षा केंद्र के अलावा कुवैत में भी नीट-यूजी परीक्षा आयोजित करवाई गई। केंद्र सरकार ने इस बार नीट में परीक्षाओं में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को लागू करने का फैसला किया है। साथ ही छात्रों को 13 भाषाओं में यह परीक्षा देने की सुविधा दी गई।

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