प्रेग्नेंसी में महिलाओं के लिए खतरनाक है ये चीजे, सिर्फ खाने के होते है ये बड़े नुकसान
गर्भावस्था किसी भी महिला के जीवन का सबसे अहम पल होता है, प्रेंग्नेंसी के 9 महीने का समय महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए बेहद महत्वपर्ण होता है, इस समय जरा सी भी लापरवाही महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए घातक हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से लेकर घर की बड़ी-बुजर्ग महिलाएं, प्रेग्नेंट लेडी को सेहतमंद रहने के लिए कई तरह के सलाह देती हैं. इन 9 माह के दौरान माता के खानपान के साथ ही उसका रूटीन चेकअप कराते रहना भी आवश्यक है
प्रकृति में कई औषदीय पौधे पाए जाते है गिलोय भी उनमे से एक लोकप्रिय पौधा है। इसमें एंटी-पायरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑर्थरिटिक और एंटीऑक्सिडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे पाचन से संबंधित समस्याएं, इंफ्लेमेशन या सूजन, रक्त शोधन और दर्द आदि से छुटकारा दिलाता है। इसका इस्तेमाल अक्सर लोग डेंगू, स्वाइन फ्लू को खत्म करने के लिए भी करते हैं।
गिलोय के फायदे:
किसी भी तरह का पेट से संबंधित कोई समस्या हो, तो गिलोय का सेवन करने से बचना चाहिए। गिलोय अपच की समस्या को बढ़ा सकता है। अपच के कारण पेट में दर्द और मरोड़ की शिकायत हो सकती है।
गिलोय स्वास्थ्य के लिए विभिन्न कारणों से अच्छा होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह समान रूप से हानिकारक भी होता है। जिन लोगों को रक्त शर्करा के स्तर से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं हैं।
गिलोय कई बार इम्यून सिस्टम को अधिक उत्तेजित कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के लक्षण जैसे कि ल्यूपस, मल्टीपल स्केलेरोसिस और रूमेटाइड अर्थराइटिस हो सकते हैं।
गर्भावस्था में या फिर स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी गिलोय का सेवन कम करना चाहिए। इससे शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है। सर्जरी हुई है या सर्जरी करवानी है, तो भी इसे इस्तेमाल करने से बचें।