दिवाली के लिए मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति खरीदते समय इन बातों का रखें जरूर ध्यान
नई दिल्ली: हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार का विशेष महत्व है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली मनाई जाती है। इस साल दिवाली 4 नवंबर 2021, दिन गुरुवार को है। दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। दिवाली पूजन में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की नई प्रतिमा या मूर्ति रखी जाती है।
दिवाली के त्योहार की शुरुआत धनतेरस से ही हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार, धनतेरस के दिन 13 दीपक जलाने का विधान है। इस साल धनतेरस का त्योहार 2 नवंबर को मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति खरीदना शुभ माना जाता है। लेकिन दिवाली के लिए भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए-
- ध्यान रहे कि मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की अलग-अलग मूर्ति खरीदें, संयुक्त मूर्ति नहीं खरीदनी चाहिए।
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- मान्यता है कि दिवाली के दिन गणेश-लक्ष्मी जी की बैठी हुई मुद्रा की मूर्ति पूजा करनी चाहिए। खड़ी मुद्रा की मूर्ति को उग्र स्वभाव की माना जाता है। इसलिए दिवाली पर बैठी हुई मुद्रा की मूर्ति पूजा करें।
- गणेश जी की प्रतिमा खरीदते समय ध्यान दें कि उनकी सूंड बाईं तरफ मुड़ी हो और उनका वाहन चूहा जरूर बना होना चाहिए।
- भगवान गणेश के हाथ में मोदक लिए हुए मूर्ति को ही दिवाली पूजा में शामिल करना चाहिए। ऐसा करने से घर सुख-शांति आने की मान्यता है।
- लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते समय ध्यान देना चाहिए कि लक्ष्मी जी के हाथ से धन वर्षा हो रही हो, उसे ही खरीदें। हाथ से सिक्के या धन गिरने वाली मूर्ति को धन लक्ष्मी कहा जाता है। मान्यता है कि दिवाली पर धन लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
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- दिवाली पूजन में उल्लू के बजाए हाथी या कमल पर विराजमान मां लक्ष्मी की मूर्ति को शामिल करना चाहिए।
- दिवाली पर मिट्टी से बनी मूर्ति का पूजन सबसे शुभ माना जाता है। इसके अलावा अष्टधातु, पीतल या चांदी की मूर्ति का पूजन भी किया जा सकता है।
- दिवाली पूजन में खंडित या टूटी हुई मूर्ति को शामिल नहीं करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से अशुभता घर आती है।