झारखंड सरकार ने पीएम को दिया वचन, नवंबर तक राज्य के 80 फीसदी लोगों को लगेगा टीका
रांची: झारखंड के नौ जिले ऐसे हैं, जहां 50 प्रतिशत से कम लोगों को कोरोना के टीके लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय स्तर पर टीकाकरण अभियान की समीक्षा के दौरान झारखंड के इन जिलों के उपायुक्तों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान बात की। उन्होंने टीकाकरण को सरकारों की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए उपायुक्तों को कहा कि हर हाल में समयबद्ध तरीके से इसके लक्ष्य हासिल किए जाएं, इसके लिए उन्होंने हर स्तर पर अभियान तेज करने का निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री ने टीकाकरण अभियान में राजनीतिक दलों से जुड़े प्रमुख लोगों और धर्मगुरुओं का भी सहयोग लेने की सलाह दी और कहा कि राशन दुकानों और बाजार-हाट में टीकाकरण के लिए कैंप लगाए जाएं। उन्होंने झारखंड सरकार के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे हर दिन सबसे ज्यादा टीकाकरण करनेवाले जिलों, प्रखंडों और पंचायतों के नाम घोषित करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 1 अरब डोज के बाद अगर हम ढीले पड़ गए तो संकट आ सकता है। हमारे यहां कहा जाता है कि बीमारी और दुश्मन को कभी कम नहीं आंकना चाहिए। उससे आखिरी तक लड़ना चाहिए। हमें थोड़ा सा भी ढीलापन नहीं लाने देना है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी उपस्थित रहे। उन्होंने प्रधानमंत्री को भरोसा दिलाया कि नवंबर अंत तक झारखंड के सभी 24 जिलों में 80 प्रतिशत लोगों को टीके का पहला डोज और 60 प्रतिशत लोगों को दूसरा डोज देने का लक्ष्य हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। झारखंड के नौ जिलों के उपायुक्तों ने पचास प्रतिशत से कम टीकाकरण के पीछे की वजहें बताते हुए कहा कि सितंबर में त्योहार, बारिश और प्रवासी मजदूरों के बाहर रहने के चलते परेशानी हुई है। उपायुक्तों ने भरोसा दिया कि इस महीने बैकलॉग को पूरा कर लिया जाएगा।
बता दें कि पाकुड़ में 37.1, साहिबगंज में 39.2, गढ़वा में 42.7, देवघर में 44.7, पश्चिम सिंहभूम में 47.8, गिरिडीह में 48.1, लातेहार में 48.3, गोड्डा में 48.3 और गोड्डा में 49.9 प्रतिशत आबादी को ही टीके का पहला डोज लग पाया है। प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि राज्य में 1 करोड़ 86 लाख लोगों को टीके का पहला और 56 लाख लोगों को दूसरा डोज लगाया जा चुका है। राज्य सरकार का प्रयास है कि आगामी महीनों में लक्ष्य को पूरी तरह हासिल कर लिया जाए।