मंत्रिमण्डल विस्तार को लेकर गहलोत ने की प्रियंका से मुलाकात
नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की। करीब तीन घण्टे चली इस बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी विणुगोपाल और राजस्थान प्रभारी अजय माकन भी शामिल हुए। राजस्थान के सियासी मसले को सुलझाने के लिए 25 दिन में दूसरी बार सीएम अशोक गहलोत मंगलवार देर रात दिल्ली पहुँचे। बुधवार शाम उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। गहलोत गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर सकते हैं।
गौरतलब है कि सीएम गहलोत के दिल्ली दौरे के साथ ही राजस्थान लंबे समय से प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर एक बार फिर अटकलें शुरू हो गई हैं। बैठक के बाद अजय माकन ने कहा कि राजस्थान में 2023 में सरकार फिर से बनाने समेत हर मुद्दे पर बातचीत हुई। इसका रोडमैप तैयार किया गया। मंत्रिमंडल विस्तार , राजनीतिक नियुक्ति पर सीधा जवाब देने की बजाय कहा कि यह कभी भी हो सकता है।
हालांकि राजस्थान में जिस तरह के उपचुनाव के नतीजे आए हैं उसको देखते हुए राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ और समय तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राहत मिल गई है। इसके साथ ही गुटबाजी झेल रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राज्य में दो सीटें जीतने का हौसला मिला और मंत्रिमंडल विस्तार के लिए विरोधी गुट द्वारा उन पर जो दबाव बनाया जा रहा था वो भी कुछ कम हो गया है।
सूत्रों के अनुसार गहलोत के नए फॉमूर्ले में मंत्री बनने से वंचित रहने वाले विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियां देकर संतुष्ट करने का फार्मूला अपनाया जाएगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 16 अक्टूबर को दिल्ली दौरे आये थे। उस दौरे उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं हुई थी। हालांकि सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में हिस्सा लिया था। उस समय राहुल गांधी के आवास पर हुई बैठक में गहलोत के प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन के साथ चर्चा की थी।
सूत्रों के अनुसार राजस्थान मन्त्रिमण्डल विस्तार में 9 नए चेहरों को शामिल किया जायेगा। इसमें पायलट खेमे के 4 चेहरे मन्त्रिमण्डल में शामिल होंगे। दरअसल गहलोत सरकार में अभी 9 जगह खाली है। प्रदेश में कुल 30 मंत्री बन सकते हैं। अभी मुख्यमंत्री सहित 21 हैं, 9 मंत्री और बन सकते हैं। एक व्यक्ति एक पद को आधार बनाया गया तो 3 जगह और खाली हो सकती हैं। गहलोत मंत्रिमंडल का सरकार बनने के बाद अभी एक बार भी विस्तार नहीं हुआ है।
17 दिसंबर को गहलोत सरकार को तीन साल का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। इन तीन साल में विस्तार या फेरबदल नहीं होने के पीछे पार्टी की खींचतान को सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। बताया जाता है कि जिन विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जाएगा उनमें से कई को राजनीतिक नियुक्तियां देकर संतुष्ट किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार गहलोत ने अपने दिल्ली दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से भी मिलने का समय मांगा है।