अभी नहीं खुलेगा करतारपुर कॉरिडोर, गुरु पर्व के मौके पर वाघा-अटारी से पाकिस्तान जाएंगे 1500 श्रद्धालु
नई दिल्ली: गुरु नानक देव की जयंती के मौके पर सरकार ने करीब 1500 सिख तीर्थयात्रियों के एक जत्थे को 17 से 26 नवंबर के बीच पाकिस्तान भेजने का फैसला किया है। यह जत्था पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब सहित छह पवित्र गुरुद्वारों की यात्रा करेगा। वहीं, करतारपुर कॉरिडोर को नहीं खोलने का फैसला लिया गया है। भारत ने कहा है कि करतारपुर गलियारा अभी नहीं खोला जाएगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यहां नियमित ब्रीफिंग में पाकिस्तान द्वारा करतारपुर कॉरीडोर खोलने की पेशकश पर संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि करतारपुर कॉरीडोर पर यात्रियों की आवाजाही को मार्च 2020 में कोविड महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था। भारत एवं पाकिस्तान के बीच ज़मीन के रास्ते आवागमन अटारी वाघा एकीकृत जांच चौकी के माध्यम से बहुत सीमित रूप से हो रहा है। दोनों पक्ष स्वास्थ्य दिशानिर्देश एवं नियमों का पालन करते हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि गुरुपरब के महत्व एवं उससे जुड़े लोगोंं की भावनाओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि करीब 1500 तीर्थयात्रियों का एक जत्था 17 से 26 नवंबर तक अटारी-वाघा एकीकृत सीमा चौकी के रास्ते पाकिस्तान की यात्रा करेगा। यह यात्रा भारत पाकिस्तान के बीच 1974 के तीर्थस्थलों की यात्रा के द्विपक्षीय प्रोटोकॉल के तहत हो रही है। तीर्थयात्री इस दौरान छह पवित्र गुरुद्वाराें – दरबार साहिब, श्रीपंजा साहिब, देहरा साहिब, श्रीननकाना साहिब, श्री करतारपुर साहिब और गुरुद्वारा श्री सच्चा सौदा की यात्रा करेंगे।
बागची ने कहा कि पाकिस्तान ने इस साल जून में दो मौकों -गुरु अर्जन देव जी के बलिदान दिवस और महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि के मौके पर सिख श्रद्धालुओं को तीर्थयात्रा की अनुमति देने से इन्कार कर दिया गया। ये यात्राएं 1974 के द्विपक्षीय प्रोटोकॉल के तहत होनी थी।