अखिलेश की ‘विजय यात्रा’ के मुकाबले भाजपा इसी माह यूपी में शुरू करेगी चार यात्राएं
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी दल पूरे जोर शोर से चुनावी तैयारियों में जुटे हैं। उत्तर प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि पार्टी जल्दी ही राज्य में 4 ‘यात्राएं’ शुरू करने की योजना बना रही है। चारो यात्राएं राज्य के विभिन्न जिलों से होकर निकलेंगी।
भाजपा नेताओं के अनुसार यात्राएं 3 से 4 हफ्ते राज्यभर में घूमेंगी। इस दौरान केंद्र और राज्य के बड़े भाजपा नेता भी इसमें भागीदारी करेंगे। ये यात्राएं 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी द्वारा निकाली गई ‘परिवर्तन यात्रा’ की तर्ज पर होंगी। उस साल विशेष रूप से डिजाइन की गई बसों में चार ‘यात्राएं’ 5 नवंबर से शुरू हुई थीं और 24 दिसंबर, 2017 को लखनऊ में समाप्त हुई थीं। यूपी भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है इस बार की यात्राओं की अवधि कम होगी-शायद तीन से चार हफ्ते। हम उन्हें इस महीने के अंत में शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
हम इन यात्राओं को एक नया नाम दे सकते हैं, क्योंकि ‘परिवर्तन’ 2017 में पहले ही दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हमारे डिप्टी सीएम, राज्य के मंत्री, केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता इन यात्राओं का हिस्सा होंगे। अखिलेश यादव ने अपनी ‘विजय यात्रा’ 12 अक्टूबर को कानपुर से और दूसरे चरण की शुरुआत 31 अक्टूबर को हरदोई से शुरू की थी। अखिलेश अपनी ‘विजय यात्रा’ के तीसरे चरण की शुरुआत 16 नवंबर को गाजीपुर से अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ की ओर के लिए करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी दिन सुल्तानपुर में लखनऊ-गाजीपुर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे। सपा प्रमुख इन यात्राओं के जरिए भाजपा पर जोरदार हमला कर रहे हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि इस तरह की यात्राएं पार्टी के कैडर को रैली करने और इसे एक जन आंदोलन अभियान बनाने के लिए एक अभ्यास के रूप में भी काम करती हैं। हम इन यात्राओं में भाजपा सरकार की योजनाओं के अधिक से अधिक लाभार्थियों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे ताकि उन्हें यह बताया जा सके कि भाजपा ने उन्हें कैसे लाभान्वित किया है।
यात्रा की बसों में हाइड्रोलिक उपकरण लगे होते हैं, ताकि नेता छत से लोगों को संबोधित कर सकें। 2017 में भाजपा ने सहारनपुर, ललितपुर, सोनभद्र और बलिया से परिवर्तन यात्रा शुरू की थी और यह लखनऊ में खत्म हुई थी। परिवर्तन यात्रा ने तब उत्तर प्रदेश में भाजपा के अभियान की शुरुआत को चिह्नित किया था जिसके कारण एनडीए को 325 सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत मिली थी।