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अमित शाह ने किया 56वें डीजीपी-आईजीपी सम्मेलन का शुभारंभ, बोले, पुलिस थानों और बीट स्तर पर सुधार जरूरी

लखनऊ। गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को 56वें पुलिस महानिदेशक-महानिरीक्षक सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पुलिस थानों और बीट स्तर पर पुलिसिंग में सुधार करना जरूरी है। साथ ही देश के तीन सर्वश्रेष्ठ थानों दिल्ली के सदर बाजार, ओडिशा के गंगापुर और हरियाणा के भटटू कलां को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।

गृह मंत्री ने राज्य पुलिस तथा केंद्रीय एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल पर जोर देते हुए कहा कि वे सम्मेलन में दिए सुझावों पर समयबद्ध तरीके से अमल करें। उन्होंने तटीय सुरक्षा, वामपंथी उग्रवाद, नारकोटिक्स, साइबर क्राइम तथा सीमा प्रबंधन जैसे सुरक्षा संबंधित विषयों पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री के निर्देशों के अनुसार हाइब्रिड तरीके से सम्मेलन के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इससे निचले स्तर के अधिकारियों तक सूचनाओं का बेहतर प्रसार हो सकेगा। सम्मेलन के दौरान आंतरिक सुरक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई जिनमें जेल सुधार, कट्टरवाद से मिल रही चुनौतियां तथा पुलिस प्रशिक्षण जैसे विषय शामिल थे। इस दौरान नैटग्रिड ने एक प्रजेंटेशन दिया जिसका ध्येय चुनौतियों को उजागर करना और उनसे निपटने के लिए भावी दिशा-निर्देश तय करना था।

केंद्रीय गृह मंत्री ने 56वें पुलिस महानिदेशक-महानिरीक्षक सम्मेलन के शुभारंभ के अवसर पर पहली बार इसे हाइब्रिड मोड में आयोजित करने पर बधाई दी। उल्लेखनीय है कि सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक तथा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के प्रमुख, लखनऊ पुलिस मुख्यालय से इस सम्मेलन में सम्मिलित हो रहे हैं। इसके अलावा लगभग 350 अन्य अधिकारी, विभिन्न राज्यों में स्थित आईबी कार्यालयों से वर्चुअल प्लेटफार्म के जरिए इसमें हिस्सा ले रहे हैं। गृह मंत्री ने कोविड महामारी के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा निभाई गई भूमिका और उनके त्याग की सराहना की। साथ ही आसूचना ब्यूरो के अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस मेडल प्रदान किए।

ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री मोदी इस सम्मेलन में शनिवार और रविवार को मौजूद रहेंगे। वर्ष 2014 से यह सम्मेलन देश के विभिन्न भागों में आयोजित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री दिल्ली से बाहर आयोजित सम्मेलनों में नियमित रूप से शामिल हो रहे हैं। सम्मेलन की तैयारी के दौरान आंतरिक सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा, विभिन्न राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को शामिल कर, अनेक कोर ग्रुप गठित किए गए। इस वर्ष पहली बार सम्मेलन में चर्चा किए जाने वाले समसामयिक सुरक्षा मुद्दों पर राज्यों- केंद्रशासित प्रदेशों के 200 से अधिक विभिन्न वरिष्ठता के अधिकारियों से उनके विचार मांगे गए।

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