अद्धयात्म

यह पढ़कर आप भी कहेंगे – बाल मन में बसते हैं भगवान

krishna-1441610480नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन और हनीबी नेटवर्क ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देने के लिए इग्नाइट अवाॅर्ड का नामकरण उन पर किया है। हमें खुशी है कि इस वर्ष राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आईआईएम अहमदाबाद में इनोवेटर्स को एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाइट अवॉर्ड प्रदान किया।

राष्ट्रपति देश में इनोवेशन क्रांति को ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। वे हर वर्ष मार्च में राष्ट्रपति भवन में इनोवेशन फेस्टिवल कराते हैं और चुने गए क्रिएटिव बच्चों, छात्रों व ग्रासरूट इनोवेटर्स को दो सप्ताह तक राष्ट्रपति भवन में इनोवेशन स्कॉलर के रूप में रहने का मौका मिलता है।

उन्होंने देश के शीर्ष टेक्नोलॉजी संस्थानों को सामाजिक समस्याओं का हल खोजने के लिए नई खोज पर जोर देने को कहा है।

हनीबी नेटवर्क ने अपनी सहयोगी संस्था सृष्टि व ज्ञान के साथ मिलकर आईआईएम अहमदाबाद में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कराया। इस दौरान इग्नाइट अवॉर्ड के विजेताओं ने झुग्गियों, कई शोधयात्रा व गांवों में रहने वाले बच्चों की टीम के साथ काम किया।

उन्होंने वंचित समुदायों की सामाजिक समस्याओं, टेक्नोलॉजी व संस्थागत जरूरतों को समझा और उसके निदान के लिए कई आइडिया तलाशे।

क्रिएटिव व कल्पनाशील बच्चे भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए कल्याणकारी हैं। बच्चों के क्रिएटिव आइडिया हमारी सामाजिक कल्पनाशीलता के दायरे को बढ़ा सकते हैं। जम्मू-कश्मीर के मो. तौसीफ को 15 ऑपरेशन कराने पड़े और वह पिछले शैक्षणिक सत्र में स्कूल नहीं जा सका, इसके बावजूद उसने लोगों की समस्याओं के बारे में सोचना नहीं छोड़ा।

उसने एक ऐसे कूकर का आइडिया बताया जिससे चावल पकाते वक्त उसमें मौजूद कीटाणुओं व अन्य मिलावट की पहचान की जा सकती है। हरिद्वार के आयुष और अर्णव नि:शक्तजनों के दर्द से इतने आहत थे कि उनके लिए एक बायोनिक बॉडी सूट बना दिया।

दिल्ली की दिवा शर्मा ने घायल व बीमार जानवरों के लिए एक अलर्ट बनाया है। इससे पशुचिकित्सक तुरंत बीमार जानवर की पहचान कर उसका इलाज कर सकेंगे।

 पंजाब के नवजोत और वैष्णवी ने बीमार बुजुर्गों के लिए एक स्मार्ट वॉच का आइडिया दिया जिसमें दवा स्टोर की जा सकती है और समय पर यह घड़ी मेडिकल पैच की तरह रोगी को दवाई दे सकती है।

दिल्ली के सिद्धांत ने एक वॉकिंग स्टिक का सुझाव दिया जो मरीज को दवाई खाने का समय बताए, टहलने में मदद करे और गिरने से भी बचाए। सिद्धांत, नवजोत, तौसीफ और वैष्णवी जैसे अनगिनत बच्चे हैं जो इनोवेटिव तरीके से सैकड़ों सामाजिक समस्याओं का हल खोजने में जुटे हैं।

बच्चे बहुत ही दयालु हृदय के होते हैं। उनमें कल्पनाशीलता की अद्भुत शक्ति, दृढ़ संकल्प, दूसरों की मदद करने की भावना, प्रबल इच्छा और निडरता होती है। वे वंचित लोगों के दर्द को आसानी से समझ लेते हैं और अपने तरीके से इनोवेशन कर उनकी मदद करना चाहते हैं।

अधिकतर बच्चे स्वर्गीय डॉ. कलाम के जीवन से प्ररणा लेकर उन्हीं की तरह बनना चाहते हैं। वे डॉ. कलाम के पदचिन्हों पर चलकर भारत को एक संवेदनशील, कल्पनाशील व उद्यमशील स्टार्टअप नेशन बनाना चाहते हैं। बच्चों ने तो अपने आसपास व सामाजिक परिवेश में बदलाव लाने के प्रयास के साथ इसकी शुरुआत भी कर दी है।

 

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