नई दिल्ली: दुनिया के कई देशों में कोरोना को हराने के लिए बूस्टर डोज पर विश्वास जताया जा रहा है. अमेरिका में तो लोगों को बूस्टर डोज लगनी शुरू भी हो चुकी हैं. लेकिन अभी तक भारत में इस मुद्दे पर सिर्फ बहस देखने को मिल रही है. अभी तक क्योंकि WHO ने बूस्टर डोज को लेकर कोई बड़ी पहल नहीं की है, ऐसे में भारत में भी इस पर ज्यादा चर्चा नहीं हो रही.
लेकिन अब ये ट्रेंड बदलने वाला है. खबर है कि National Technical Advisory Group इसी महीने के आखिर में कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज पर विचार-विमर्श कर सकता है. कोई आधिकारिक घोषणा तो नहीं हुई है लेकिन कहा जा रहा है कि इस बैठक में बूस्टर डोज पर भी विस्तार से चर्चा होगी. बूस्टर डोज के अलावा बच्चों की वैक्सीन पर भी बात की जाएगी. ये दो ऐसे मुद्दे हैं जिन पर चर्चा कई बार हुई है लेकिन ना कोई डेडलाइन बताई गई और ना ही आगे का रोडमैप.
ऐसे में इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है. ये पहली बार होगा जब किसी हाई लेवल मीटिंग में बूस्टर डोज को लेकर मंथन होगा. खबर तो ये भी है कि इस बैठक के बाद दो हफ्तों के भीतर आगे की रणनीति तैयार करेगा केंद्रीय पैनल, फिर उस रणनीति के तहत ही बच्चों को टीकाकरण लगाया जाएगा. पहले ऐसी खबर आई थी कि अगले साल जनवरी से बीमार बच्चों को कोरोना की वैक्सीन दी जा सकती है. लेकिन अभी के लिए इसको लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.
वैसे बच्चों की वैक्सीन की बात करें तो भारत में कोवैक्सीन से लेकर जायडस कैडिला की वैक्सीन पर चर्चा चल रही है. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की वैक्सीन को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं की जाएगी और पूरी रिसर्च के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा.