नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव स्थगित करना एक अहम उपाय है और हम इसके खिलाफ हैं। अगर हम ऐसा करते हैं तो यह एक गलत मिसाल कायम होगी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि चुनाव स्थगित करना ही अंतिम उपाय है।
त्रिपुरा की कानून-व्यवस्था पर तृणमूल कांग्रेस की ओर से दायर अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने सुनवाई की। टीएमसी ने अपनी अर्जी में दावा किया था कि राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव से पहले कानून-व्यवस्था की हालत ‘बदतर’ हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा पुलिस को मतदान सुनिश्चित करने और सुचारू रूप से परिणाम घोषित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चुनाव प्रचार 23 नवंबर को शाम 4:30 बजे समाप्त होगा, इसके बाद 25 को मतदान और 28 दिसंबर को मतगणना होगी। इसके अलावा कोर्ट ने राज्य पुलिस को राजनीतिक दल की शिकायतों के निवारण के लिए एक समान और गैर-पक्षपाती तरीके से कार्य करने का निर्देश जारी किया।
बता दें कि त्रिपुरा में 25 नवंबर को अगरतला नगर निगम (एएमसी) और 12 अन्य स्थानीय निकायों के चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले यहां हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। तृणमूल ने राज्य में कानून व्यवस्था का और अपने नेताओं पर हमले के आरोप लगाए हैं।