सपा-RLD के गठबंधन से पश्चिमी यूपी में बढ़ सकती है भाजपा की चिंता, जाट-मुस्लिम मिलकर 55 सीटें करते हैं प्रभावित
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के चुनावी घमासान में समाजवादी पार्टी (SP) और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) का नजदीक आने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा की चिंताएं बढ़ सकती हैं। इन दोनों दलों के बीच गठबंधन की स्थिति में पश्चिमी यूपी की 136 सीटों के समीकरण प्रभावित होंगे। बीते चुनाव में भाजपा ने यहां बड़ी सफलता हासिल करते हुए 109 सीटें जीती थीं। जाट और मुस्लिम समुदाय का क्षेत्र में खासा असर है। और ये दोनों मिलकर क्षेत्र की लगभग 55 सीटों को प्रभावित करते हैं।
उत्तर प्रदेश के चुनावी समीकरणों में भाजपा नेतृत्व बीते लगभग एक महीने से पूर्वांचल से लेकर मध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र तक काफी सक्रिय है, लेकिन पश्चिमी यूपी में उसकी गतिविधियां बाकी क्षेत्रों के मुकाबले काफी कम है। इसकी एक वजह तो किसान आंदोलन के कारण बनी स्थितियां रही है। लेकिन अब जबकि केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला कर लिया है, तब भाजपा के लिए पश्चिमी यूपी में स्थितियां अनुकूल हो सकती हैं।
इस बीच सपा और आरएलडी के बीच गठबंधन की चर्चाएं तेज हैं। इन दोनों का गठबंधन होने पर इस क्षेत्र के समीकरण प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद इस पूरे क्षेत्र के समीकरण बदल गए थे। उसका भारी लाभ भाजपा को पिछले विधानसभा चुनाव में मिला था। हालांकि, तब से अब तक स्थितियां काफी बदली हैं। ऐसे में भाजपा काफी सतर्कता बरत रही है।
पश्चिमी यूपी के सामाजिक समीकरणों में लगभग 20 फीसदी जाट और 30 से 40 फीसदी मुसलमान हैं। इन दोनों को एक साथ देखा जाए तो लगभग 55 सीटें प्रभावित होती हैं। इन दोनों समुदायों के राजनीतिक रूप से साथ आने पर भाजपा की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। हालांकि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद दोनों समुदायों में कटुता बढ़ी थी।
जाट समुदाय ने भाजपा का जमकर साथ दिया था, जिसके नतीजे बाद के चुनाव में सामने आए हैं। 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां 136 में से 109 सीटें मिली थी, जबकि सपा के हिस्से में 20 सीटें आई थी। बसपा को तीन, कांग्रेस को दो और रालोद को एक सीट मिली थी। बाद में रालोद का इकलौता विधायक भाजपा में शामिल हो गया था।